Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पीएनबी घोटाला : नीरव मोदी को भारत लाया जाएगा, ब्रिटेन की गृहमंत्री ने दी प्रत्‍यर्पण की मंजूरी

हमें फॉलो करें पीएनबी घोटाला : नीरव मोदी को भारत लाया जाएगा, ब्रिटेन की गृहमंत्री ने दी प्रत्‍यर्पण की मंजूरी
, शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021 (20:58 IST)
लंदन/ नई दिल्ली। ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए हैं। ब्रिटेन में भारत के शीर्ष राजनयिक सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब 13 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में भारत में वांछित है।

इस समय दक्षिण-पश्चिम लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद 50 वर्षीय नीरव मोदी के पास गृहमंत्री के आदेश को लंदन के उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए 14 दिन का समय है। इस साल 25 फरवरी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने फैसला दिया था कि हीरा कारोबारी के खिलाफ भारतीय अदालत में चल रहे मामले में उसे शामिल होना चाहिए और प्रत्यर्पित करने का फैसला कैबिनेट मंत्री पर छोड़ दिया।

मोदी पर अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने का आरोप है। करीब दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद जिला न्यायाधीश सैम्युल गूजी ने फैसला दिया कि मोदी के खिलाफ मामला है जिसका जवाब उसे भारतीय अदालत में ही देना है लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे संकेत मिले कि भारत में उसके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी।

न्यायाधीश ने मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को भी खारिज कर दिया जिसमें मोदी ने कहा था कि उसकी चिकित्सा जरूरतों का समाधान भारत सरकार के कई आश्वासनों के तहत नहीं होगा। न्यायाधीश ने रेखांकित किया, मैं संतुष्ट हूं कि नीरव मोदी के मामले में जो सबूत है वह उसे पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में दोषी ठहरा सकते हैं। प्रथमदृष्टया मामला बनता है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगाए गए आरोप प्रथमदृष्टया स्थापित होते हैं। ये आरोप हैं धनशोधन, गवाहों को धमकाना और सबूतों को मिटाना। ब्रिटिश प्रत्यर्पण कानून 2003 के तहत न्यायाधीश अपने निष्कर्षों से गृह राज्यमंत्री को अवगत कराते हैं। ब्रिटेन-भारत प्रत्यर्पण संधि के तहत ब्रिटेन का कैबिनेट मंत्री प्रत्यर्पण आदेश जारी करने के लिए अधिकृत है और न्यायाधीश के निष्कर्षों पर उसे दो महीने में फैसला लेना होता है।
ALSO READ: देश के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है नीरव मोदी का प्रत्यर्पण
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने 31 जनवरी 2018 को नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के तत्कालीन अधिकारी भी शामिल थे। यह प्राथमिकी बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने आपराधिक साजिश रच फर्जी तरीके से सार्वजनिक बैंक से ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ जारी कराए।
ALSO READ: PNB scam: नीरव मोदी की बहन सरकारी गवाह बनी
लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के मध्यम से बैंक विदेश में तब गांरटी देता है जब ग्राहक कर्ज के लिए जाता है। इस मामले में पहला आरोप पत्र 14 मई 2018 को दाखिल किया गया जिसमें मोदी सहित 25 लोगों को आरोपी बनाया गया जबकि दूसरा आरोप पत्र 20 दिसंबर 2019 को दाखिल किया गया जिसमें पूर्व के 25 आरोपियों सहित 30 को नामजद किया गया।

नीरव मोदी सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने से पहले ही एक जनवरी 2018 को देश छोड़कर भाग गया था। इसके बाद जून 2018 में सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेडकॉर्नर नोटिस जारी किया।ब्रिटिश पुलिस ने मार्च 2019 को उसे लंदन से गिरफ्तार किया और तब से उसने कई बार जमानत के लिए आवेदन किए लेकिन वेस्टमिंस्टर अदालत और लंदन उच्च न्यायालय ने उन्हें खारिज कर दिया।

वहीं सीबीआई ने ब्रिटेन से प्रत्यर्पण अनुरोध के साथ दस्तावेजी सबूत और गवाही ब्रिटिश अदालत में पेश की। इस बीच, नीरव मोदी की कानून टीम ने फैसले के खिलाफ अपील करने की तत्काल पुष्टि नहीं की है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राजस्थान में भी बढ़ा Corona संक्रमण, 7359 नए मामले