प्रिंस चार्ल्स ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में हर कोई अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने नेताओं से इस मुद्दे पर सिर्फ बात करने की बजाय अधिक प्रयास करने की अपील की है। प्रिंस चार्ल्स ने बीबीसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि विश्व नेताओं को इस महीने के अंत से संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 'कॉप 26' के लिए स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लासगो में इकट्ठा होने पर सिर्फ बात करने से ज्यादा कुछ प्रयास करने की आवश्यकता है।
यह शिखर सम्मेलन 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक के लिए निर्धारित है। कई पर्यावरणविदों द्वारा इस सम्मेलन को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को एक नया मोड़ देने का दुनिया के लिए एक आखिरी मौका बताया जा रहा है।
इस विषय पर कि क्या उन्हें ग्रेटा थनबर्ग जैसे जलवायु प्रचारकों के प्रति सहानुभूति है, प्रिंस चार्ल्स ने कहा कि बेशक मैं करता हूं, हां। इन सभी युवाओं को लगता है कि कुछ भी नहीं हो रहा है, इसलिए निश्चित रूप से वे निराश होने वाले हैं। मैं पूरी तरह से समझता हूं क्योंकि कोई भी नहीं सुनेगा और वे देखते हैं कि उनका भविष्य पूरी तरह नष्ट हो गया है।
चार्ल्स ने कहा कि नेताओं को उस निराशा पर ध्यान देना चाहिए जिसे कई युवा अपने भविष्य के बारे में महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वह उन जलवायु अभियान समूहों की हताशा को समझते हैं जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों को अवरुद्ध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कि दुनिया को जलवायु संकट को गंभीरता से लेना चाहिए। बीबीसी के क्लाइमेट एडिटर जस्टिन रॉलेट के साथ प्रिंस चार्ल्स का स्पेशल इंटरव्यू बीबीसी वर्ल्ड न्यूज पर 23 अक्टूबर को प्रसारित होगा। (BBC World News and BBC.com)