इस्लामाबाद। अमेरिकी सैनिकों की रवानगी और काबुल एयरपोर्ट के बंद होने के बाद अफगानियों को रोकने के लिए पाकिस्तान ने चमन बॉर्डर बंद कर दिया है। दरअसल, एयरपोर्ट बंद होने के बाद तालिबान से डरे हुए अफगानियों ने दूसरे देशों के लिए पैदल ही रुख कर लिया है।
'जियो न्यूज' ने सूत्रों के हवाले से बताया कि खैबर पख्तूनख्वा में तोरखम वाणिज्यिक शहर के बाद अफगानिस्तान से लगे दूसरे सबसे बड़े वाणिज्यिक सीमा बिंदु चमन बॉर्डर क्रॉसिंग को सुरक्षा खतरों के कारण बंद कर दिया गया है। इससे पहले दिन में, गृहमंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा था कि सुरक्षा खतरों के कारण चमन क्रॉसिंग को कुछ दिनों के लिए बंद किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम कुछ समय के लिए चमन क्रॉसिंग को बंद कर देंगे। उन्होंने यह नहीं बताया कि सीमा कब तक बंद रहेगी। मंत्री ने कहा कि सीमा और उसके आसपास शांति है। राशिद ने कहा कि हमारी सेना सीमा पर मौजूद है। देश की सुरक्षा के लिए वे जो सेवा कर रहे हैं, उसके लिए हमें अपने सुरक्षा संस्थानों पर गर्व है।
क्रॉसिंग पाकिस्तान के सीमावर्ती शहर चमन को अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में स्पिन बोल्डक से जोड़ती है और दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए अफगानों द्वारा अक्सर उपयोग किया जाता है।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार हजारों अफगान पाकिस्तान में घुसने के लिए क्रॉसिंग के आसपास जमा हो रहे हैं। पाकिस्तान पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह और अधिक शरणार्थियों को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। साल 1979 में अफगानिस्तान पर तत्कालीन यूएसएसआर के आक्रमण के बाद से लगभग 30 लाख अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में रह रहे हैं।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि अगर सीमा नियमों में ढील दी गई तो लगभग 10 लाख और अफगान देश में घुस जाएंगे। फिलहाल, अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान की 2500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के 90 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से पर बाड़ लगा दी गई है और केवल एक दर्जन क्रॉसिंग पॉइंट ही वैध यात्रा दस्तावेज रखने वालों को प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।