इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कदम अदालत के आदेश के अधीन होंगे। न्यायाधीश बंदियाल ने साथ ही इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया था। उससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने इस पूरी स्थिति पर संज्ञान लिया और तीन सदस्यीय पीठ ने सप्ताहांत के बावजूद प्रारंभिक सुनवाई की और राष्ट्रपति अल्वी और नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए।
अदालत ने सभी पक्षों को कोई भी असंवैधानिक कदम उठाने से बचने का आदेश दिया और मामले की सुनवायी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कदम अदालत के आदेश के अधीन होंगे।
इससे पहले, विपक्ष ने शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था और सदन में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली को भंग किये जाने को चुनौती देने की अपनी पार्टी के फैसले की घोषणा की थी।