भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35ए को हटाने के फैसले के बाद पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। इस प्रस्ताव के बाद वह कश्मीरियों के प्रति घड़ियाली आंसू बहा रहा है। भारत सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा है और वह जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला दे रहा है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के कार्यकारी अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने इस मुद्दे पर संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की मांग की जिसके बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने समन जारी कर मंगलवार सुबह 11 बजे संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की घोषणा की।
हड़बड़ाए पाक ने भारत के उच्चायुक्त को बुलाया : भारत सरकार के कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त के सामने विरोध जताया। पाकिस्तान के विदेश सचिव के अनुसार भारत का यह फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
अमेरिका ने दोनों देशों को दी शांति की सलाह: अमेरकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओरात्गस ने जम्मू-कश्मीर के मामले को लेकर भारत और पाकिस्तान को शांति कायम रखने की सलाह दी है। ओरात्गस ने कहा कि हम दोनों पक्षों से नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता कायम रखने की अपील करते हैं। ओरात्गस ने कहा कि हमें ज्ञात है कि भारत सरकार इसे अपने देश का आंतरिक मामला बता रही है लेकिन हम लोगों को हिरासत में लेने की खबरों को लेकर चिंतित हैं।
कश्मीरियों के लिए घड़ियाली आंसू : भारत सरकार के कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा है कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों की रक्षा करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के लोगों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव के तहत वहां के लोगों के अधिकारों के लिए मजबूती से खड़ा रहेगा।