पेशावर। हिंसाग्रस्त खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में रविवार को एक आत्मघाती हमले में एक पूर्व प्रांतीय मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि पीके-99 निर्वाचन क्षेत्र से प्रांतीय असेंबली सीट के उम्मीदवार इकरामुल्ला गंडापुर एक चुनावी बैठक के लिए जा रहे थे तभी रास्ते में एक आत्मघाती हमलावर ने उनके वाहन को अपना निशाना बनाया। डेरा इस्माइल खान के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मंजूर अफरीदी ने कहा कि हमले में इकरामुल्ला का कार चालक भी मारा गया जबकि 3 सुरक्षाकर्मी बुरी तरह घायल हो गए।
इकरामुल्ला रविवार सुबह हुए आत्मघाती विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुए थे जिसके बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से पेशावर के एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान कुछ ही घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। वे पीटीआई के नेतृत्व वाले खैबर पख्तूनख्वा मंत्रिमंडल में प्रांतीय कृषिमंत्री रहे थे। इकरामुल्ला डेरा इस्माइल खान पीके-67 सीट से उपचुनाव में चुने गए थे। डेरा इस्माइल खान पीके-67 सीट इकरामुल्ला के भाई और कानून मंत्री इसरारुल्ला गंडापुर की एक आत्मघाती हमले में मौत के बाद रिक्त हुई थी।
अफरीदी ने बताया कि इकरामुल्ला कुलाची तहसील में एक नुक्कड़ सभा में हिस्सा लेने के बाद लौट रहे थे तभी एक संकरी सड़क पर उनके वाहन पर हमला हुआ। घटना के तुरंत बाद पुलिस और सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
लगभग उसी समय बन्नू जिले में जमीयत उलेमा इस्लाम फज्ल (जेयूआई-एफ) के नेता और खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री अकरम खान दुर्रानी पर 10 दिन के अंदर दूसरी पर जानेलवा हमला किया गया। दुर्रानी उत्तर वजीरिस्तान जिले की सीमा से लगे अपने गृह जिले बन्नू में एक राजनीतिक सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे थे तभी उनके वाहन पर अज्ञात बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।
दुर्रानी एनए-35 सीट से मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमाल (एमएमए) के बैनर तले इमरान खान की पीटीआई के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। 25 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले बन्नू जिले में किसी उम्मीदवार पर हुआ यह तीसरा और दुर्रानी पर दूसरा हमला है। चुनाव से पहले पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ी है। आम चुनाव के लिए प्रचार आतंकी हमलों से प्रभावित हुए हैं। तहरीक-ए-तालिबान और आईएसआईएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। (भाषा)