सांकेतिक फोटो
द हेग। दुनिया के सबसे बड़े साफ पानी के मोती की नीदरलैंड में 320,000 यूरो (लगभग दो करोड़ 51 लाख रुपए) में नीलामी हुई। कभी इस मोती का संबंध 18वीं सदी की रूस की साम्राज्ञी ‘कैथरीन द ग्रेट’ से था। नीलामी घर वेंदुएहुईस ने यह जानकारी दी।
अपने विशिष्ट आकार के कारण यह मोती ‘स्लीपिंग लॅायन’ के नाम से मशहूर है। ऐसी संभावना है कि 18वीं सदी के शुरुआती काल में संभवत: चीन सागर अथवा पर्ल नदी में यह मूर्तरूप में आया।
नीलामीकर्ताओं ने बताया कि 120 ग्राम (4.2 औंस) का यह बेशकीमती जवाहरात करीब सात सेंटीमीटर (2.7 इंच) लंबा है। इसकी यही खासियत इसे दुनिया के तीन सबसे बड़े मोतियों में से एक बनाती है। इस मोती को एक जापानी कारोबारी ने कल 320,000 यूरो में खरीदा।
वर्ष 1765 के दौरान यूनाइटेड ईस्ट इंडीज कंपनी का एक डच व्यापारी इस मोती को जहाज के जरिए बताविया (अब के जकार्ता) से लाया था और तब से यह कंपनी के अकाउंटेंट हेंड्रिक कोएनराड सैंडर के पास था।
नीलामी घर ने बताया कि सैंडर्स के गुजर जाने के बाद वर्ष 1778 में इसकी नीलामी एम्सटर्डम में हुई और फिर रूस की साम्राज्ञी ‘कैथरीन द ग्रेट’ ने इसे हासिल किया। (वार्ता)