Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मेरी रिस्‍क लेने की क्षमता अभी खत्‍म नहीं हुई, मैं रिस्‍क लेता रहूंगा, पॉडकास्‍ट में क्‍या बोले पीएम मोदी?

मैं रुख देख बदलने वाला आदमी नहीं, देवता भी नहीं, इंसान हूं गलतियां होती हैं

Advertiesment
हमें फॉलो करें narendra modi

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (19:28 IST)
इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोडकॉस्‍ट खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट शो में पीएम मोदी ने कई विषयों पर चर्चा की है। उन्‍होंने गांधी और सावरकर के समेत, अपने बचपन, दोस्‍ती, और भविष्‍य की राजनीति के बारे में कई मुद्दों पर बात की। सबसे अहम बात उन्‍होंने कही कि वे अभी रिस्‍क लेना बंद नहीं करेंगे, उनके जाखिम लेने की क्षमता का अभी पूरी तरह से इस्‍तेमाल नहीं हुआ है।

क्‍या मैसेज देना चाहते हैं मोदी : निखिल कामथ ने पीएम मोदी से कहा कि— मैं आपके सामने बैठकर बात कर रहा हूं, यह मेरे लिए मुश्‍किल काम है और मुझे घबराहट हो रही है। पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि मेरा भी यह पहला पॉडकास्ट है, मुझे नहीं पता कि यह आपके व्‍यूअर्स को यह कैसा लगेगा। उन्‍होंने कहा कि उनके जीवन का मंत्र यह है कि कभी भी बुरी नीयत से कोई काम न करें। उन्‍होंने यह भी कहा कि अभी उनके जोखिम उठाने की क्षमता का पूरी तरह इस्‍तेमाल नहीं हुआ है। उनके इस बयान के बाद यह चर्चा है कि आखिर यह कहकर वे क्‍या संदेश देना चाहते हैं।

मैं रिस्‍क लेता रहूंगा : पीएम मोदी ने कहा कि— यह मेरी किस्मत रही है कि मैंने अपनी जिंदगी कभी कम्फर्ट जोन में नहीं बिताई, कभी नहीं। चूंकि मैं कम्फर्ट जोन से बाहर था, मुझे पता था कि मुझे क्या करना है। शायद मैं आराम के लिए नहीं बना हूं। उन्होंने कहा, ‘मैंने जिस तरह की जिंदगी जी, छोटी-छोटी चीजें भी मुझे संतुष्टि देती हैं।’ मोदी ने आगे कहा कि लोग जीवन में तभी असफल होते हैं जब उन्हें ‘कम्फर्ट जोन’ की आदत हो जाती है। अगर एक बड़ा उद्योगपति भी जोखिम नहीं लेता है और कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं आता है तो वह भी प्रगति नहीं करेगा...वहीं खत्म हो जाएगा। मोदी ने कहा कि जोखिम उठाने की उनकी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं किया गया है। मेरी जोखिम लेने की क्षमता कई गुना है।

मैं इंसान हूं गलतियां तो करुंगा : पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया, जिसमें मैंने कहा, मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा और मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा। मैं इंसान हूं जो गलतियां कर सकता हूं, लेकिन मैं कभी भी बुरे इरादे से कुछ गलत नहीं करूंगा। यह मेरे जीवन का मंत्र है। आखिरकार, मैं एक इंसान हूं, कोई भगवान नहीं।

नेशन फर्स्‍ट की भावना होना चाहिए : पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि गांधी और सावरकर के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन उनकी विचारधारा आजादी थी। आदर्शवाद विचारधारा से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती। हालांकि, आदर्शवाद बहुत ज़रूरी है। आज़ादी से पहले, (स्वतंत्रता सेनानियों की) विचारधारा आज़ादी थी। गांधी का रास्ता अलग था, लेकिन विचारधारा आज़ादी थी। सावरकर ने अपना रास्ता चुना, लेकिन उनकी विचारधारा आज़ादी थी। अपनी विचारधारा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमेशा राष्ट्र को सबसे पहले रखना चाहिए।

मैं रुख देख बदलने वाला आदमी नहीं : मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी सुविधानुसार अपना रुख बदल ले। मैं सिर्फ़ एक ही विचारधारा में विश्वास करते हुए बड़ा हुआ हूं। अगर मुझे अपनी विचारधारा को कुछ शब्दों में बताना हो तो मैं कहूंगा, 'नेशन फर्स्ट। 'नेशन फर्स्ट' टैगलाइन में जो भी चीज फिट बैठती है, वह मुझे विचारधारा और परंपरा की बेड़ियों में नहीं बांधती। इसने हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मैं पुरानी चीजों को छोड़कर नई चीजों को अपनाने के लिए तैयार हूं। हालांकि, शर्त हमेशा 'नेशन फर्स्ट' की होती है।

बचपन के पल भी किए साझा : पीएम ने कहा कि मैं एक सामान्य विद्यार्थी था. मेरे एक टीचर थे, जो मेरे प्रति बहुत स्नेह रखते थे। एक दिन मेरे पिताजी को कह रहे थे कि इसके अंदर टेलेंट है, इस पर कोई ध्यान नहीं देता। हर चीज जल्दी ग्रैब करता है। मेरी इच्छा था कि मैं अपने टीचर्स का सार्वजनिक तौर पर सम्मान करूंगा। मैंने सबको ढूंढा और सबका सार्वजनिक सम्मान किया। राज्यपाल भी इसमें आए। मेरे मन में था कि मैं जो कुछ भी हूं, इनका भी योगदान है, मुझे बनाने में। मैंने 30-32 टीचर्स को बुलाया और उनका सम्मान किया। मेरे जीवन के अच्छे पल थे वो।

बताया दोस्‍ती के बारे में : अपने दोस्तों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैंने छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था। घर ही नहीं सबकुछ छोड़ दिया। किसी से जुड़ा नहीं था। लेकिन मैं जब सीएम बना मेरे मन में इच्छा जगी कि क्लास के दोस्तों को सीएम हाउस बुलाओ। मैं नहीं चाहता था कि वो ये समझे कि मैं कोई तीस मारखा हूं। मेरे में कोई बदलाव नहीं आया, उस पल को मैं जीना चाहता था। मैंने सबको बुलाया था। रात को बहुत खाना वाना खाया गपशप मारी, लेकिन मुझे बहुत आनंद नहीं आया। क्योंकि मैं दोस्त खोज रहा था। लेकिन उनको मुख्यमंत्री नजर आ रहा था। मेरे जीवन में कोई तू कहने वाला बचा ही नहीं। संपर्क में अभी भी हैं लेकिन वो बड़े सम्मान से देखते हैं। राजनीति में आने वाले युवाओं के लिए पीएम मोदी ने कहा कि एक तो राजनीति में आना दूसरा सफल होना। उसके लिए जनता से कमिटमेंट होनी चाहिए। जनता के सुख-दुख के साथी होने चाहिए। अच्छा टीम प्लेयर होना चाहिए। भाषण से ज्यादा जरूरी भी मैं कम्यूनिकेट करना जरूरी है। देश को 1 लाख ऐसे नौजवानों की जरूरत है जो राजनीति में आए।
Edited By: Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

PM Modi Podcast : अमेरिकी वीजा रद्द होने पर कष्‍ट हुआ था, तब ही यह संकल्‍प ले लिया था कि...