इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इमरान सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।शुक्रवार को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाया गया है और आगे वोटिंग भी हो सकती है। 2018 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से इमरान की यह सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा मानी जा रही है। इमरान की पार्टी पीटीआई के सांसद ही उनके खिलाफ हो गए हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए नए आर्मी चीफ की नियुक्ति कर सकते हैं। इस संभावित फैसले की आहट मिलने पर उनके अपने ही विरोध में खड़े हो गए हैं। इमरान सरकार का विरोध क्यों हो रहा है? सेना इमरान से क्यों नाराज हो गई। इधर इमरान ने ऐलान किया है कि वे बागी सांसदों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। जानिए पाकिस्तान के सियासी संग्राम की पूरी कहानी-
गलत नीतियां : पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 100 सांसदों ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। आरोप लगाया गया है कि इमरान सरकार की नीतियां देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई का बड़ा कारण है। आर्थिक संकट के चलते देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है।
70 सालों में सबसे उच्चतम स्तर पर : देश में भयंकर महंगाई के चलते आम आदमी की भी हालत खराब दिख रही है। पेट्रोल-चीनी-दूध समेत कई चीजों के बढ़ते दामों से हाहाकार मचा हुआ। पाकिस्तान में महंगाई 70 सालों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई ने खासतौर पर गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़कर रख ती है।
घी, तेल, आटा और चिकन की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुकी हैं। पाकिस्तान के फेडरल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (FBS) के अनुसार अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2021 तक बिजली की दरें 57 फीसदी तक बढ़ी हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पेट्रोल 150 रुपए प्रति लीटर तक पहुंचने वाला है तो वहीं चीनी भी 100 रुपए प्रतिकिलो बिक रही है।
पाकिस्तानी जनता का कहना है कि इमरान ने वादे तो बहुत किए थे लेकिन उन्हें पूरा करने की कोशिश नहीं की। इस रिकॉर्डतोड़ महंगाई ने जनता को इमरान के खिलाफ खड़ा कर दिया है।
इमरान की हरकत पर भड़की पाकिस्तानी फौज : पाकिस्तान और सेना के बीच सत्ता या सत्ता की बागडोर अपने हाथों में रखने को लेकर टकराव नया नहीं है। फिलहाल पाक फौज इस बात से भड़की हुई है कि इमरान खान ने दूसरों के मुद्दों में बेवजह टांग लड़ाई।
देश में महंगाई रिकॉर्ड बना रही है और इमरान यूक्रेन संकट पर बिना वजह और देश हित देखे अमेरिका और यूरोपीय संघ पर हमले कर रहे हैं जबकि अफगानिस्तान के मामले पर पाकिस्तान ने पश्चिमी देशों का समर्थन किया था। यूक्रेन पर हमले के दौरान भी इमरान ने रूस की यात्रा की थी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी।
ऐसे में पाकिस्तानी सेना ने स्पष्ट कह दिया है कि इमरान खान ओआईसी (इस्लामिक देशों का संगठन) सम्मेलन के बाद इस्तीफा दे दें।
संकट में याद आया भारत : कुर्सी को खतरे में देख इमरान खान को संकट में भारत की याद आई। इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की। मलकंद में इमरान खान ने कहा कि मैं आज हिन्दुस्तान को दाद देता हूं। इसने हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति बनाए रखी है। इमरान ने कहा कि भारत क्वाड का सदस्य है लेकिन प्रतिबंधों के बावजूद वह रूस से तेल भी खरीद रहा है।