वॉशिंगटन। भारत वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक (Tiktok) पर बैन लगा चुका है। भारत के बाद अब अमेरिका भी बैन लगाने की तैयारी कर रहा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चेतावनी देते हुए साफ कह दिया है कि अगर 15 सितंबर तक किसी अमेरिकी कंपनी को नहीं बेचा गया तो इसे अमेरिका में बंद कर दिया जाएगा। ट्रंप इससे पहले भी टिकटॉक को बैन करने की बात कह चुके हैं।
माइक्रोसॉफ्ट कर सकती है अधिग्रहण : खबरों के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) की इन दिनों अमेरिका में टिकटॉक के कारोबार का अधिग्रहण करने की बातचीत चल रही है। अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी, लेकिन ट्रंप के रुख के बाद माइक्रोसॉफ्ट इस सौदे के लिए रुक गई है। हालांकि अब चीन के सामने दो ही रास्ते बचे हैं। या तो वह अपना अमेरिका में बिजनेस माइक्रोसॉफ्ट को बेच दे, वरना अमेरिका में भी बैन का सामना करे।
चीन की कंपनी बाइटडांस पर लगातार यूजर्स का डेटा शेयर करने का आरोप लगता रहा है, जो टिकटॉक की पैरेंट कंपनी है। भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने पर मोदी सरकार ने टिकटॉक समेत पहले 59 ऐप बैन किए और फिर बाद में कुछ और चीनी ऐप्स को बैन किया। इसके बाद अमेरिका में भी ट्रंप पर टिकटॉक को बैन करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। 25 से अधिक अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिख टिकटॉक को बैन करने की मांग की है।
माइक्रोसॉफ्ट ने रविवार को पुष्टि की कि वह चीनी कंपनी बाइटडांस से उसके लोकप्रिय वीडियो ऐप टिकटॉक की अमेरिकी शाखा को अधिग्रहीत करने की बातचीत कर रही है। साथ ही कहा कि उसने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ऐसी खरीद के संबंध में सुरक्षा और सेंसरशिप को लेकर उनकी चिंताओं पर चर्चा की है। एक बयान में कंपनी ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट और बाइटडांस ने अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में टिकटॉक की सेवा का मालिकाना हक और उसके संचालन संबंधी एक समझौता करने की अपनी मंशा को लेकर एक नोटिस दिया है।
कंपनी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि यह बातचीत 15 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि वे जल्द ही अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा देंगे। कंपनी ने कहा कि ट्रंप और सीईओ सत्य नडेला ने बातचीत की है और उनकी बातचीत के बाद माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी परिचालन को खरीदने की प्रक्रिया पर बात जारी रखने के लिए तैयार हैं।
माइक्रोसॉफ्ट के बयान में कहा गया कि माइक्रोसॉफ्ट राष्ट्रपति की चिंताओं पर ध्यान देने के महत्व को पूरी तरह समझती है। वह टिकटॉक का अधिग्रहण पूरी सुरक्षा समीक्षा तथा अमेरिका को उचित आर्थिक लाभ उपलब्ध कराने के बाद ही करने के लिए प्रतिबद्ध है।