Prime Minister Narendra Modi's US visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में भारत और अमेरिका के शीर्ष कार्यपालक अधिकारियों से भेंट के दौरान कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी और भारतीय प्रतिभा का साथ आना उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ टेक्नोलॉजी हैंडशेक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह सुबह कुछ ही मित्रों के साथ शुरू हुई है लेकिन यह उज्ज्वल भविष्य की गारंटी लेकर आई है। समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की उपस्थिति पर आभार प्रकट करते हुए मोदी ने कहा, यह राष्ट्रपति बाइडेन की दृष्टि और उनकी ताकत तथा भारत की आकांक्षाओं एवं संभावनाओं को लेकर आगे बढ़ने का बड़ा अवसर है।
मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति बाइडेन के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी के महत्व को समझते हुए अमेरिका ने इस क्षेत्र में प्रगति की है, वहीं भारत का युवा आज विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। ऐसे में भारतीय प्रतिभा और अमेरिकी प्रौद्योगिकी का यह मिलन एक उज्ज्वल भविष्य के लिए गारंटी लेकर आया है।
उन्होंने इस घटनाक्रम को होनहार, शानदार और धारदार बताया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ये सभी कृषि से लेकर अंतरिक्ष- विविध क्षेत्रों से आए हैं और इनमें से कुछ लोग काफी स्थापित कंपनियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि कुछ के स्टार्टअप हैं।
बैठक में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, एपल के सीईओ टिम कुक, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, ओपेन एआई के सीईओ सैम एल्टमैन, एएमडी के सीईओ लिसा सू, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सहित अमेरिकी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
वहीं इस बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, महिन्द्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिन्द्रा, जीरोधा और ट्रू बिकॉन के संस्थापक निखिल कामत आदि ने हिस्सा लिया। इस दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि उनका गठजोड़ दोनों देशों के बच्चों के लिए खुला, अधिक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा, हमारा सहयोग न केवल हमारे लोगों के लिए है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है क्योंकि हमारा गठजोड़ अगले किसी सौदे से कहीं आगे है। बाइडेन ने कहा, यह जलवायु परिवर्तन से निपटने, ब्रह्मांड की खोज करने, लोगों को गरीबी से बाहर निकालने, महामारी को रोकने, हमारे नागरिकों को अवसर प्रदान करने से जुड़ा है। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को भारतीय अधिकारियों ने ऐतिहासिक और मील का पत्थर करार दिया है।
नई ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं भारत और अमेरिका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ दोपहर भोज के दौरान अपने संबोधन में कहा कि पिछले नौ वर्षों में दोनों देशों ने लंबी और खूबसूरत यात्रा तय की है तथा रक्षा, सामरिक क्षेत्र से लेकर धरती, आकाश सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ किया है तथा नई एवं उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं।
मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का आभार जताया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस द्वारा आयोजित दोपहर भोज में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में आपका योगदान अविश्वसनीय रहा है।
उन्होंने कहा, हम नई एवं उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं। हम कारोबार में लंबे समय से लंबित और कठिन मुद्दों का समाधान कर रहे हैं। वहीं अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि वह और राष्ट्रपति जो. बाइडेन अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता के लिए आभारी हैं।
उन्होंने कहा, जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर देखते हैं, अमेरिका और भारत सहज रूप से एक-दूसरे की ओर मुड़ते हैं तथा तेजी से एकजुट होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, पिछले तीन दिनों में मैंने अनेक बैठकें कीं और इन बैठकों में एक चीज साझा थी कि भारत और अमेरिका के लोगों के बीच मित्रता एवं सहयोग अधिक गहरा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों की मधुरता की भावना लोगों के बीच संपर्क के माध्यम से पिरोई गई है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 1958 में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन के अमेरिका आने और भारत से उनके जुड़ाव का जिक्र किया तथा कहा कि कमला हैरिस ने अपनी मां की प्रेरणा को बुलंदियों तक पहुंचाया है।
मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति हैरिस की उपलब्धि न केवल अमेरिका, बल्कि भारत और पूरी दुनिया को प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन की संगीत के प्रति रुचि और उनकी कूटनीतिक कुशलता का जिक्र किया।
मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में अमेरिका यात्रा के बाद से पिछले नौ वर्षों में दोनों देशों ने लंबी यात्रा तय की है और रक्षा एवं सामरिक क्षेत्र सहित सहयोग के नए आयाम जोड़े हैं। उन्होंने प्रौद्योगिकी सहयोग और कारोबार में लंबित मु्द्दों के समाधान से जुड़े विषयों में सहयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने क्वॉड और आई2यू2 जैसे समूहों में सहयोग का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका और भारत का सहयोग समुद्र की गहराइयों से लेकर आकाश की ऊंचाइयों, धरती से आकाश तक दिख रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में नए विश्वास के साथ काम कर रहे हैं। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और भारत अपरिहार्य साझेदार बन गए हैं।
उन्होंने कहा, चाहे हम इसे अमेरिका का स्वप्न कहें या भारत का स्वप्न, हमारे लोग अवसर पर भरोसा करते हैं। हैरिस तथा ब्लिंकन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में विदेश मंत्रालय में दोपहर भोज का आयोजन किया।
उपराष्ट्रपति हैरिस के कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट किया, भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी इतनी मजबूत पहले कभी नहीं थी। मिलकर, हमारे देश भविष्य को आकार देंगे क्योंकि हम मिलकर अधिक समृद्ध, सुरक्षित और स्वस्थ दुनिया बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
इसने कहा, अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक है और यह यात्रा हमारी साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाएगी- अंतरिक्ष से रक्षा तक, उभरती प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला तक।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में उपराष्ट्रपति हैरिस को उनकी टिप्पणियों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, हमारी साझेदारी वास्तव में इस सदी के लिए अपार संभावनाएं रखती है। मैं भविष्य के क्षेत्रों में हमारे सहयोग को बढ़ाने के लिए समान रूप से उत्साहित हूं।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)