pm modi us visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने हिन्द-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच उस पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि रणनीतिक रूप से अहम इस क्षेत्र पर दबाव और टकराव के काले बादल छाए हुए हैं। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद (US Parliament) के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच कहा कि हिन्द-प्रशांत में दबाव और टकराव के काले बादल छाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की स्थिरता हमारी साझेदारी की प्रमुख चिंताओं में से एक है। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका ऐसे मुक्त, स्वतंत्र एवं समावेशी हिन्द-प्रशांत का साझा दृष्टिकोण रखते हैं, जो सुरक्षित समुद्रों से जुड़ा हो, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों से परिभाषित हो और जहां किसी का प्रभुत्व न हो।
उन्होंने कहा कि दोनों देश ऐसे क्षेत्र की कल्पना करते हैं, जहां सभी छोटे-बड़े देश अपने फैसले स्वतंत्र और निडर होकर कर सकें, जहां तरक्की ऋण के असंभव बोझ तले दबी नहीं हो, जहां संपर्क सुविधाओं का लाभ सामरिक उद्देश्यों के लिए नहीं उठाया जाए और जहां सभी देश मिलकर समृद्धि हासिल कर सकें। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं जिनमें चीन ने बुनियादी ढांचों में अत्यधिक निवेश किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सोच किसी को रोकने या किसी को अलग रखने पर आधारित नहीं है, बल्कि यह शांति एवं समृद्धि का सहकारी क्षेत्र बनाने को लेकर है। हम क्षेत्रीय संस्थानों और क्षेत्र के भीतर एवं बाहर के अपने भागीदारों के साथ काम करते हैं। इनमें से क्वॉड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) इस क्षेत्र की भलाई के लिए एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta