Prime Minister Narendra Modi News : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद उच्च-गति रेल भारत और जापान के बीच एक प्रमुख परियोजना है और हमारा कुछ वर्षों में यात्री सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य है। मोदी ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद उच्च-गति रेल (Bullet Train) परियोजना जारी है। लक्ष्य देश में उच्च-गति रेल का 7000 किलोमीटर लंबा नेटवर्क बनाना है। जापान के अखबार योमिउरी शिंबुन को दिए गए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि इसका अधिकतर हिस्सा मेक इन इंडिया के माध्यम से होगा, ताकि यह कार्यक्रम टिकाऊ एवं व्यवहारिक हो। उन्होंने कहा, मैं इस प्रयास में जापानी कंपनियों की सक्रिय भागीदारी का स्वागत करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मुंबई-अहमदाबाद उच्च-गति रेल परियोजना, भारत और जापान के बीच एक प्रमुख परियोजना है। हमारा लक्ष्य कुछ वर्षों में यात्री सेवाएं शुरू करना है। मोदी ने कहा कि भारत-जापान सहयोग में उच्च-गति रेल से आगे परिवहन के अन्य क्षेत्रों को भी जोड़ने की क्षमता है, जिसमें बंदरगाह, विमानन, जहाज विनिर्माण, सड़क परिवहन, रेलवे और लॉजिस्टिक जैसे क्षेत्र शामिल हैं जहां भारत ने महत्वाकांक्षी पहल की है।
मोदी ने जापानी अखबार को बताया कि स्पष्ट रूप से, इनमें से कई क्षेत्रों में जापान की प्रौद्योगिकी बढ़त, भारत की व्यापकता, विनिर्माण एवं नवाचार शक्ति के साथ मिलकर दोनों पक्षों के लिए अपार मूल्य सृजित कर सकती है। अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भारत के व्यापक दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा हमारे वैज्ञानिकों के दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और नवाचार की गाथा है।
मोदी ने साथ ही कहा कि भारत और जापान के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग सफलता की एक और बड़ी कहानी है, दोनों देशों का हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता में साझा हित है। उन्होंने कहा, आज हमारी साझेदारी तीनों सेनाओं तक फैली हुई है। हम नियमित रूप से द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यास करते हैं। हम एक मजबूत रक्षा उपकरण तथा प्रौद्योगिकी सहयोग का निर्माण कर रहे हैं...। मोदी ने कहा कि आर्थिक साझेदारी भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक है।
उन्होंने कहा, विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, हम एक-दूसरे की वृद्धि, प्रतिस्पर्धात्मकता एवं गतिशीलता में योगदान दे रहे हैं। जापान पीढ़ियों से भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक विश्वसनीय साझेदार रहा है। जापान मोटर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, रसायन, वित्त एवं दवा सहित प्रमुख क्षेत्रों में भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत भी रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत में जापानी कंपनियों की संख्या लगातार बढ़कर लगभग 1,500 हो गई है, जबकि 400 से अधिक भारतीय कंपनियां जापान में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से यह तो महज शुरुआत है, वास्तविक संभावनाएं इससे कहीं अधिक हैं।
मोदी ने कहा, हमें बड़ा लक्ष्य रखना चाहिए और महत्वाकांक्षी बने रहना चाहिए। सरकारों, व्यवसायों एवं लोगों के बीच तालमेल हमारी आर्थिक साझेदारी को व्यापकता एवं गति प्रदान कर सकता है। हमारे बीच महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन ये अभी तक हमारे व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत परिकल्पित स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं।
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि नए प्रयासों से हम अपने व्यापार क्षेत्र में विविधता ला सकते हैं, इसे अधिक संतुलित बना सकते हैं तथा नए क्षेत्र भी खोल सकते हैं। मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि 21वीं सदी में जापान.. भारत के नवाचार, विनिर्माण एवं वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभरेगा।
जापानी कंपनियों के भारत में अपने उत्पादन केंद्रों को अफ्रीका जैसे तीसरे देश के बाजारों के लिए केंद्र के रूप में स्थापित करने की खबरों पर मोदी ने कहा कि भारत में बहुआयामी सुधार हुए हैं, जिससे भारत में विनिर्माण पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने अनुपालन संबंधी बोझ को कम किया है, प्रोत्साहनों की शुरुआत की है और कंपनियों के लिए भारत में आधार स्थापित करने हेतु एक बड़ा कुशल कार्यबल सुनिश्चित किया है। जापान सहित कई वैश्विक कंपनियां न केवल हमारे घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि दुनियाभर की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी भारत में अपना उत्पादन केंद्र स्थापित कर रही हैं। (इनपुट एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour