बोर्दू, (फ्रांस)। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी (दशहरे) और भारतीय वायुसेना के स्थापना दिवस पर राफेल विमान में उड़ान भरकर नया इतिहास रच डाला। इससे पूर्व राजनाथ स्वदेशी विमान तेजस में उड़ान भर चुके हैं। मंगलवार के दिन ही भारत को फ्रांस से पहला चर्चित लडाकू विमान राफेल मिला है।
रक्षामंत्री ने यहां मेरिनेक वायु सेना अड्डे पर इस विमान का पारंपरिक तरीके से पूजा करने के बाद इस पर सवार हुए और दासौ कम्पनी के चीफ पायलट ने इस विमान को उड़ाया। सिंह पायलट की पिछली सीट पर बैठे और उन्होंने वहां से हाथ हिलाकर इस ऐतिहासिक क्षण को रेखांकित किया। रक्षा मंत्री ने आधे घंटे तक इस लडाकू विमान में उड़ान भरी।
विमान ने जैसे ही टेक ऑफ किया तो इसकी गर्जना से आसमान गूंज उठा। हवाई अड्डे पर खड़े भारत और फ्रांस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अलावा पत्रकारों ने भी श्री सिंह को उड़ान भरते देखा और इस ऐतिहासिक क्षण के सभी साक्षी बने।
36 राफेल विमानों की कीमत 59 हजार करोड़ रुपए : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पहला राफेल विमान मिलने के साथ ही फ्रांस की ओर से राफेल सौंपने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सितंबर 2016 में भारत ने 59,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इन विमानों की पहली खेप में 4 विमान अगले वर्ष मई में भारत पहुंचेगे, जबकि जून 2022 तक सभी 36 विमान भारत पहुंच जाएंगे।
भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी : राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाएंगे और दो देशों के बीच सफल रक्षा सहयोग का एक वैश्विक खाका तैयार होगा। सिंह ने भारतीय वायु सेना के पायलटों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने के लिए फ्रांस को धन्यवाद दिया। सनद रहे कि एक राफेल जेट विमान तीन एफ 16 विमानों के बराबर है, जिन्हें अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए हैं।