कॉक्स बाजार (बांग्लादेश)। बांग्लादेश आ रही एक नाव के दुर्घटनाग्रस्त होने से बच्चों समेत 12 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। म्यांमार में हिंसा के बाद देश छोड़कर भागने वालों की संख्या 5 लाख की संख्या पार कर चुकी है। दुर्घटना में मृत लोग भी हिंसा के पीड़ितों में शामिल थे।
अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश के दक्षिणी सिरे पर शाह पिरिर द्वीप के पास रविवार की देर शाम नाव दुर्घटनाग्रस्त हुई। नाव पर कुल कितने लोग सवार थे, इसका पता नहीं चल सका है। लेकिन नाव खेने वाले मछुआरे म्यांमार में चलाए जा रहे अभियान से बचकर भागे हताश रोहिंग्या शरणार्थियों को बड़ी संख्या में नावों पर चढ़ा लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार की हिंसा को जातीय नरसंहार करार दिया है।
बांग्लादेश पुलिस के अधिकारी मोहम्मद मैनुद्दीन ने रायटर से कहा कि अब तक 10 बच्चों और 1 महिला समेत 12 शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारियों ने इससे पहले 8 शवों की बरामदगी की पुष्टि की थी। इससे पहले खबर आई थी कि म्यांमार से भागकर बांग्लादेश की ओर आ रहे शरणार्थियों की नाव पलटने से कम से कम 2 लोगों की सोमवार को मौत हो गई।
बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के कमांडर कर्नल अरीफुल इस्लाम ने कहा कि नाव दक्षिणी बांग्लादेश के शाह पोरिर द्वीप के पास पलटने से डूब गई। उन्होंने कहा कि पानी से 2 शवों को निकाला जा चुका है जबकि 8 लोगों को बचा लिया गया है। राहत एवं बचाव कार्य सोमवार सुबह तक जारी रहेगा।
इससे पहले 28 सितंबर को लगभग 80 शरणार्थियों को लेकर जा रही एक नाव के पलट जाने से 23 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 17 लोगों को बचा लिया गया था और बाकी को लापता घोषित कर दिया गया था। 25 अगस्त के बाद से अब तक लगभग 5 लाख रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में प्रवेश कर चुके हैं।
म्यांमार के राखाइन राज्य में पुलिस और सैन्य चौकियों पर रोहिंग्या उग्रवादियों के हमलों के कारण म्यांमार के सुरक्षा बलों को जबरन बल प्रयोग करना पड़ा। गत 25 अगस्त के बाद से अब तक 5 लाख 19 हजार रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार छोड़ चुके हैं।
म्यांमार ने 'जातीय नरसंहार' के आरोपों को खारिज करते हुए हमलों को शुरू करने वाले अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के उग्रवादियों को आतंकवादी ठहराया है। विद्रोहियों ने 10 सितंबर से 1 महीने का संघर्षविराम घोषित किया, जो सोमवार मध्यरात्रि को समाप्त हो जाएगा।
विद्रोहियों ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वे म्यांमार सरकार द्वारा किसी भी शांति कदम में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह भी कहा कि संघर्षविराम का समय खत्म होने वाला है। हिंसा के शुरू होने के 6 सप्ताहों के बाद भी रोहिंग्या शरणार्थियों का बांग्लादेश आना जारी है। बांग्लादेश पहले से ही 4 लाख से अधिक म्यांमार मुस्लिम अल्पसंख्यकों का घर बना हुआ है।
रविवार की दुर्घटना से पहले गत 28 सितंबर को 80 रोहिंग्या शरणार्थियों से लदी एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इनमें से केवल 17 लोगों को ही बचाया जा सका। सितंबर की शुरुआत में म्यांमार और बांग्लादेश को अलग करने वाले जल सीमा पर एक नाव के डूबने के बाद 46 शव बरामद किए गए थे। मृतकों में 19 बच्चे, 18 महिलाएं और 9 पुरुष शामिल थे। (वार्ता)