कश्मीर मामले को लेकर सऊदी अरब को खरीखोटी सुना रहे पाकिस्तान को अब तगड़ा झटका लगा है। कंगाली से उबरने के लिए पाकिस्तान ने सऊदी अरब से कच्चा तेल उधार लेने के लिए 3 साल की डील की थी, लेकिन सऊदी सरकार ने इस डील को समय से पहले ही खत्म कर दिया है।
दरअसल, मई के बाद से ही पाकिस्तान को सऊदी से कच्चा तेल नहीं मिला है। वहीं, सऊदी सरकार ने पाकिस्तान को इस मामले में कोई जवाब भी नहीं दिया है।
पाकिस्तान के हालिया बर्ताव के कारण सऊदी ने अपने वित्तीय समर्थन को वापस भी ले लिया है। अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 साल के लिए 6.2 बिलियन डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी।
इस समझौते के अनुसार शुरुआत में सऊदी ने पाकिस्तान को नकदी और तेल की सुविधा केवल एक साल के लिए दिया था, लेकिन बाद के वर्षों में इसे बढ़ाकर तीन साल के लिए कर दिया गया। इस 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता के लिए पाकिस्तान 3.3 फीसदी की दर से ब्याज की अदायगी भी कर रहा था।
पाकिस्तानी पेट्रोलियम विभाग के प्रवक्ता साजिद काजी ने कहा कि यह करार मई में समाप्त हो गया। वित्त विभाग इसके नवीकरण का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सऊदी अरब सरकार से जवाब का इंतजार है। बजट अनुमानों के अनुसार सरकारर को वित्त वर्ष 2020-21 में न्यूनतम एक अरब डॉलर का कच्चा तेल मिलने की उम्मीद है। पाकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से शुरू होता है।