सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां लोग ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ भी कर देते हैं। कोई ऐसी तस्वीरें या समाचार डालता है जिस पर विश्वास करना मुश्किल होता है। अब तो हालत यह है कि इस तथाकथित सोशल मीडिया पर कितनी जानकारी, सोशल और कितनी ऐंटी सोशल डाली जाती है, इसका पता लगाना भी लगभग असंभव हो गया है। यूजर समाचार के नाम पर सच को झूठ और झूठ को सच बनाकर पेश करने में कोई अंतर नहीं करते हैं।
वर्ष 2001 में दुनिया भर में एक तस्वीर वायरल हुई थी और इस तस्वीर में नजर आने वाला व्यक्ति चीन का रहने वाला है। तस्वीर में दावा किया गया था कि वह एक होटल में बैठकर मानव 'भ्रूण' को खा रहा है। इतना ही नहीं, इस तस्वीर के साथ एक मैसेज भी लोगों तक पहुंच था। इस संदेश में लिखा था कि 'यह चाइना का सबसे हॉटेस्ट फूड है, रेस्टोरेंट ये भ्रूण 50 से 70 डॉलर की लागत से अस्पतालों से खरीद रहे हैं। लोग भ्रूण को बड़े ही चाव के साथ खाना पसंद कर रहे हैं। खासतौर से तंदूर किए हुए और सूप में इन भ्रूणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।'
दुनिया भर में जब इस मामले पर बड़ा विवाद हुआ तो कई बड़ी जांच एजेंसियों ने इस शख्स की तलाश की और इसे पकड़ा, लेकिन जब यह एजेंसियों को मिला तो उसने एक चौंकाने वाला रहस्य उजागर किया। झू यू नाम के इस शख्स ने एजेंसी का सामने खुलासा किया कि वह एक आर्टिस्ट है और यह तस्वीर 'eating people' नाम के एक फेस्टीवल में ली गई थी। यह उसका एक आर्ट था जिसमें उसने बताया था कि इंसान भी इंसान का मांस खा सकता है, लेकिन झू के एक और खुलासे ने दुनिया के होश उड़ा दिए।
झू ने बताया कि उसने इस मास्टरपीस को बनाने के पहले कई बार मेडिकल स्कूल में से भ्रूण चोरी किए थे। यही नहीं, उन्हें खाया भी ताकि अपने मास्टरपीस को वैसा ही बना सके। लेकिन उसने यह भी स्वीकार किया कि इंसान के गोश्त का स्वाद उसे अच्छा नहीं लगा। कई बार इंसान का मांस खाने के बाद उसने उल्टियां भी कीं। यही नहीं, चीन में 'भ्रूण' के सूप को रेस्टोरेंट में परोसने की अफवाह सामने आ चुकी है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह भी कोई नहीं जानता।