नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारी संख्या में लंबित मामलों के बोझ से दबी शीर्ष न्यायपालिका को मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 13147 पुराने उन मामलों को हटा दिया, जिन्हें डायरी में दर्ज तो किया गया था, लेकिन उन्हें पंजीकृत नहीं किया गया था। इनमें से कुछ मामले 3 दशक से पहले दायर किए गए थे।
रजिस्ट्रार न्यायिक- प्रथम चिराग भानु सिंह द्वारा गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि ये सभी मामले आठ साल से अधिक समय पहले दर्ज किए गए थे, लेकिन रजिस्ट्री द्वारा त्रुटियों को ठीक करने के लिए दिए गए निर्देश के बावजूद संबंधित वकीलों या याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत का रुख नहीं किया।
इनमें 2014 से पहले की डायरी संख्याएं मिलीं हैं और इस सूची में 1987 में दर्ज किया गया एक मामला भी शामिल था। ये याचिकाएं लंबित मामलों की लगातार बढ़ती संख्या में बेवजह जुड़ती रहीं।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक सितंबर, 2022 तक 70,310 लंबित मामले थे, इनमें 51,839 विविध (मिसलेनियस) मामले और 18,471 मामले नियमित सुनवाई से संबंधित थे।(भाषा)