बीजिंग। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद मूल मानवाधिकारों का दुश्मन है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में ऐसे देशों की पहचान करने की भी जरूरत है जो उसे बढ़ावा, समर्थन, धन देते हैं तथा आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं।
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने वैश्विक आतंकवाद और संरक्षणवाद का मुद्दा उठाया।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक आतंकवाद है और उससे लड़ने के लिए तुरंत मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने की जरूरत है।
सुषमा ने कहा, 'आतंकवाद मौलिक मानवाधिकारों ... जीवन, शांति और समृद्धि (के अधिकार) का दुश्मन है।'
उन्होंने कहा, 'संरक्षणवाद को उसके प्रत्येक रूप में खारिज किया जाना चाहिए और व्यापार के मार्ग में अवरोधक पैदा करने वाले तत्वों को नियंत्रित करने की कोशिश की जानी चाहिए।'
सुषमा ने कहा, 'भारत एससीओ के साथ काम करते हुए आपसी आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि आर्थिक वैश्विकरण ज्यादा खुला, समावेशी, समानतापरक और परस्पर हितों के लिए संतुलित होना चाहिए।' (भाषा)