काबुल। तालिबान का दावा है कि उसने काबुल में राष्ट्रपति भवन को अपने नियंत्रण में ले लिया है। बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया था, लेकिन राष्ट्रपति भवन की स्थिति अभी भी साफ़ नहीं है।
बीबसी के मुताबिक स्थानीय पत्रकार बिलाल सरवरी ने उन दो अफ़ग़ान लोगों से बात की है, जो तालिबान से सीधी बातचीत में शामिल थे। उनका कहना था कि समझौते के तहत राष्ट्रपति भवन में सत्ता हस्तांतरण का समारोह होना था जिसमें गनी मौजूद रहते, लेकिन वो और उनके सहयोगी इसकी जगह देश छोड़कर चले गए।
सहयोगियों का कहना है कि राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों को कथित तौर पर भवन छोड़ने के लिए कहा गया था और वो ख़ाली हो चुका था। तालिबान ने बाद में समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
अफगानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाने की घोषणा : तालिबान के एक अधिकारी ने कहा है कि विद्रोही संगठन जल्द ही काबुल स्थित राष्ट्रपति परिसर से अफगानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाने की घोषणा करेगा।
11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों के बाद, अमेरिका नीत बलों द्वारा अफगानिस्तान से तालिबान को अपदस्थ करने के लिए शुरू किए गए हमलों से पहले भी आतंकी संगठन ने युद्धग्रस्त देश का नाम इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान रखा हुआ था।
अमेरिका ने कार्यवाहक राजदूत को निकाला : अफगानिस्तान में अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत को अमेरिकी सेना दूतावास से निकालकर काबुल हवाई अड्डे ले गई।