पेशावर। अफगानिस्तान के पूर्वी कुनार प्रांत में गुरुवार को आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर पर अमेरिकी ड्रोन हमले में 20 से ज्यादा पाकिस्तानी तालिबान मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि ये तालिबान पाकिस्तान में आतंकवादी हमले करने की तैयारी कर रहे थे।
पाकिस्तान के दो खुफिया अधिकारियों ने बताया कि सारेशा सुल्तान शाह नामक गांव में हुए इस हमले में आत्मघाती हमलों का प्रशिक्षण लेने वालों के अलावा कम से कम दो वरिष्ठ नेता मारे गए। पाकिस्तानी तालिबान जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के नाम से भी जाना जाता है, अफगान तालिबान से अलग है और यह पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे कई गुटों का मिश्रण है।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसका नाम विदेशी आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार का हमला दोनों देशों की सीमा पर एक घने जंगल वाले इलाके में किया गया। यह हमला ऐसे समय किया गया जब आतंकवादियों को पाकिस्तान भेजने से पहले टीटीपी के वरिष्ठ नेता वहां पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि इस हमले में बाजौर एजेंसी क्षेत्र में टीटीपी सरगना गुल मोहम्मद मारा गया। इसके अलावा आत्मघाती हमलावरों का प्रमुख प्रशिक्षक कारी यासीन भी मारा गया। उन्होंने बताया कि टीटीपी नेता फजलुल्लाह खोरासानी का पुत्र भी इस हमले में मारा गया।
पाकिस्तानी तालिबान में सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस हमले में 12 से ज्यादा सदस्य मारे गए हैं, लेकिन खोरासानी इसमें बच गया है, जो उस समय वहां के दौरे पर था। काबुल में नाटो की अगुवाई वाले सहायता मिशन और अमेरिकी सुरक्षाबलों के मुख्यालय ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है। (वार्ता)