काबुल। अफगानिस्तान में एक प्रमुख प्रांतीय राजधानी पर कब्जे को लेकर सरकारी बलों और तालिबान के बीच 4 दिन की भीषण लड़ाई में 100 से ज्यादा अफगान पुलिसकर्मियों और सैनिकों की मौत हुई है। इसके अलावा लड़ाई में कम से कम 20 आम लोगों की भी जान गई है।
तालिबान ने पिछले शुक्रवार को गजनी प्रांत की राजधानी गजनी पर हमला कर दिया था। इसके बाद पहली बार हताहतों की आधिकारिक संख्या जनरल तारीक शाह बहरामी ने दी है। कई छोरों से किए हमले के बाद बागियों ने शहर के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया। यह तालिबान की ओर से बड़ी शक्ति का प्रदर्शन है, जो राष्ट्रीय राजधानी काबुल से महज 120 किलोमीटर दूर स्थित शहर के इतने अंदर तक घुस गया है।
अमेरिका ने अफगान बलों की मदद के लिए सैन्य सलाहकारों को भेजा है। अगर 2,70,000 आबादी वाला गजनी हाथ से निकल जाता है तो यह तालिबान के लिए बड़ी जीत होगी। यह दक्षिणी प्रांतों से काबुल को जोड़ने वाले एक अहम राजमार्ग से भी संपर्क तोड़ देगा।
रक्षामंत्री बहरामी ने काबुल में पत्रकार वार्ता में सोमवार को बताया कि हताहतों की संख्या सटीक नहीं है और इसमें बदलाव हो सकता है। उधर गृहमंत्री वसी अहमद बरमाक ने बताया कि मृतकों में करीब 70 पुलिसकर्मी शामिल हैं। बहरामी ने कहा कि गजनी को तालिबान के हाथों में जाने से रोकने में मदद के लिए तकरीबन 1,000 अतिरिक्त सैनिकों को शहर में भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान के 12 नेताओं समेत 194 विद्रोही मारे गए हैं। मृतकों में पाकिस्तानी, चेचन और अरब के विदेशी लड़ाके शामिल हैं।
तालिबान ने शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक टेलीफोन टॉवर को तबाह कर दिया। इससे सभी लैंडलाइन और मोबाइल फोनों का संपर्क टूट गया है। इससे भी लड़ाई के विवरण की पुष्टि करने में दिक्कत हो रही है। अफगान अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि शहर को तालिबान के हाथों में नहीं जाने दिया जाएगा और वहां पर सरकारी ठिकानों और अन्य संस्थाओं पर अफगान बलों का ही नियंत्रण है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने सोमवार को पहले बताया था कि बचे हुए तालिबानियों का खात्मा करने के लिए अतिरिक्त बल गजनी भेजे गए हैं। प्रांत के पुलिस प्रमुख कर्नल फरीद मशाल ने बताया कि विद्रोहियों की ओर से लड़ने वाले अधिकतर लड़ाके विदेशी हैं जिनमें पाकिस्तान और चेचन्या के लड़ाके भी शामिल हैं। मशाल ने कहा कि तालिबान अपने मकसद को हासिल करने में विफल रहा है।
पिछले कुछ महीनों के दौरान तालिबान ने देश के कई जिलों पर कब्जा किया है। तकरीबन रोज ही अफगान सुरक्षा बलों पर हमला किया है, लेकिन शहरी इलाकों पर कब्जा करने में नाकाम रहा था। अमेरिका और नाटो ने 2014 के अंत में अफगानिस्तान में अपना जंगी मिशन औपचारिक तौर पर बंद कर दिया था।
अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय संयोजक रिक पीपरकोर्न ने कहा कि शुक्रवार सुबह से गजनी के निवासियों ने अपने शहर को युद्ध भूमि में बदलते देखा है। लड़ाई अब भी चल रही है। हमें हताहत आम लोगों की संख्या के बारे में शुरुआती रिपोर्टें मिली हैं। लोग शहर के बाहर सुरक्षित इलाकों में जाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स और अफगान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने एक संयुक्त बयान में गजनी में हिंसा और वहां पत्रकारों पर हमलों की निंदा की है। (भाषा)