कोलंबो। श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर रविवार को शंगरी-ला होटल में हुए विस्फोट के दौरान भारतीय नागरिक अक्षत सर्राफ अपनी पत्नी और बेटी के साथ वहीं साथ ठहरे हुए थे। उन्होंने कहा कि होटल में अतिथियों के शरीर पर पर शीशे के टुकड़े घुसे हुए हुए थे और खानसामों के सफेद एप्रन खून से सने पड़े थे। उन्होंने इस मंजर को डरावना दृश्य बताया।
श्रीलंका के अधिकारियों ने बताया कि गिरजाघरों और लग्जरी होटलों में हुए आत्मघाती विस्फोटों में 290 लोगों की मौत हुई है और 500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। 30 साल के सर्राफ अपनी पत्नी और बेटी के साथ शंगरी-ला होटल में ठहरे हुए थे। उन्होंने 25वीं मंजिल पर स्थित में कमरे से विस्फोट की आवाज सुनी।
उन्होंने सीएनएन को बताया कि पहले विस्फोट की आवाज बहुत तेज थी और इसके बाद हमारा कमरा हिलने लगा। पहले तो मैं समझा बादल गरजे हैं और मैंने इस ओर बहुत ध्यान नहीं दिया, क्योंकि श्रीलंका में कुछ वक्त से बारिश हो रही थी।
सर्राफ ने कहा कि जब दूसरा विस्फोट हुआ तो मुझे कुछ गड़बड़ लगी और उन्होंने एवं उनके परिवार ने अपने-अपने पासपोर्ट लिए और भूतल पर स्थित आपातकाल निकास की ओर बढ़े। जब हम चौथी मंजिल पर पहुंचे तो हमने सीढ़ियों पर खून देखा। जब हम बाहर आए तो हमने बहुत सारी एम्बुलेंसें देखीं और होटल का स्टाफ घायल अतिथियों की मदद कर रहा था।
सर्राफ ने कहा कि यह डरावना दृश्य था। जब मैंने घायल अतिथियों को देखा तो वे बहुत गंभीर लग रहे थे। कुछ के शरीर पर शीशे के टुकड़े घुसे हुए थे। मैंने कुछ खानसामों के सफेद एप्रन को खून से सना हुआ देखा। उन्होंने कहा कि पुलिस, सेना और आपातकालीन सेवा के कर्मी 5 मिनट के अंदर ही पहुंचना शुरू हो गए थे। श्रीलंका में हुए विस्फोटों में कम से कम 6 भारतीयों की भी मौत हुई है। (भाषा)