ढाका। बांग्लादेश में किशोरगंज शहर में एक सुरक्षा जांच चौकी पर किए गए ग्रेनेड हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि यह हमला राजधानी ढाका से करीब 140 किलोमीटर दूर किशोरगंज शहर में एक ऐसे क्षेत्र के निकट हुआ जहां ईद की नमाज के लिए करीब दो लाख लोग इकट्ठा हुए थे। जिला प्रशासक जिल्लुर रहमान ने बताया कि इस हमले में दो हमलावर भी मारे गए हैं।
एक अन्य अधिकारी मोहम्मद अजीमुद्दीन शेख ने बताया कि आतंकवादियों ने तेजधार हथियारों से पुलिसकर्मियों पर हमला करने के बाद ग्रेनेड से विस्फोट किया। स्थिति अब नियंत्रण में बताई गई है।
रहमान ने बताया कि हमलावरों की तलाश के लिए जांच जारी है और इस घटना के बाद शांतिपूर्ण ढंग से ईद की नमाज अदा की गई और सभी लोगों को घरों में जाने के लिए कहा गया। उल्लेखनीय है गत शुक्रवार को ढाका के गुलशन क्षेत्र में एक रेस्त्रां पर हुए हमले में 22 लोग मारे गए थे।
इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने गुरुवार को एक नया वीडियो जारी कर बांग्लादेश सरकार को देश में और दुनिया भर में और हमले करने की धमकी दी है। आईएस ने वीडियो में कहा है कि जब तक दुनिया भर में शरीया कानून लागू नहीं किया जाता, तब तक वह हमले करता रहेगा और पिछले सप्ताह ढाका में हुआ हमला तो एक झलक मात्र था।
समझा जाता है कि वीडियो संदेश रक्का से जारी किया गया जो कि हिंसाग्रस्त सीरिया में आतंकी समूह का गढ़ है। यह वीडियो यू-ट्यूब पर जारी किया गया।
ढाका के रेस्तरां में बंधक बना कर लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले से बांग्लादेश अभी उबर भी नहीं पाया है कि आईएस का नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पुलिस ने बताया कि दो संदिग्ध हमलावरों को पकड़ लिया गया है। विस्फोट के बाद अतिरिक्त बलों की मदद से हमलावरों को पकड़ने के लिए गहन अभियान चलाया गया है।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने आवास पर कहा कि ईद की नमाज के दौरान इस तरह का हमला करने वाले लोग इस्लाम एवं मानवता के दुश्मन हैं। उन्होंने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन से अनुरोध किया है कि अगर उनके बच्चे या छात्र लापता हो जाते हैं तो तत्काल पुलिस को सूचित करें क्योंकि ढाका के रेस्तरां में हमले को जिन युवकों ने अंजाम दिया था वह कई माह पहले लापता हुए थे।
हसीना ने कहा कि हम आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर उनका पता लगाने में मदद करेंगे और जरूरत पड़ी तो उनका इलाज भी किया जाएगा।
इस बीच, ईदगाह के इमाम मौलाना फरीदुद्दीन मसूद ने आतंकियों के खिलाफ सामाजिक प्रतिरोध के लिए अपील की है।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य लोगों में दहशत फैलाना है ताकि उनका सामाजिक प्रतिरोध कमजोर हो सके। लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूं कि वह दहशत में न आएं क्योंकि ऐसा होने पर उग्रवादियों के उद्देश्य को बल मिलेगा। इसके बजाय चरमपंथियों के खिलाफ सामाजिक प्रतिरोध फैलाएं। बताया जाता है कि मसूद इस्लामी शोधार्थियों और इमामों के साथ मिल कर इस्लामियों के खिलाफ अभियान चलाने की वजह से उग्रवादियों के निशाने पर हैं। (एजेंसियां)