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इमरान खान का खुलासा, बोले- मेरे खिलाफ 'षड्यंत्र' में शामिल हैं ये अमेरिकी राजनयिक

हमें फॉलो करें इमरान खान का खुलासा, बोले- मेरे खिलाफ 'षड्यंत्र' में शामिल हैं ये अमेरिकी राजनयिक
, सोमवार, 4 अप्रैल 2022 (08:10 IST)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहली बार उस शख्स का खुलकर नाम लिया है जो उनके खिलाफ कथिततौर पर 'षड्यंत्र' में शामिल है।

दरअसल इससे पहले उन्होंने अपनी सरकार को गिराने के पीछे केवल अमेरिका पर आरोप लगाया था। लेकिन इस बार उन्होंने उस व्यक्ति का नाम भी बता दिया है जो उनके मुताबिक सरकार गिराने के पीछे है।

इमरान खान ने रविवार को दावा किया कि अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू ने विपक्ष के साथ मिलकर साजिश रची और अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से देश की आंतरिक राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप किया गया था।

उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एशिया के शीर्ष अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू ने विपक्ष के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की साजिश रची थी। इमरान के इन आरोपों को विपक्षी नेताओं और अमेरिका ने खारिज किया है। पाकिस्तान के विपक्षी दलों के नेताओं ने खान के आरोप को बेबुनियाद करार दिया।
 
डोनाल्ड लू अमेरिका के राजनयिक हैं। वे 2021 से दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के उप विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पहले 2018 से 2021 तक किर्गिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत और 2015 से 2018 तक अल्बानिया में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत के रूप में कार्य किया है।

दरअसल इससे पहले इमरान ने दावा किया था कि विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव उनकी विदेश नीति के विरोध में रची गई एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा है और उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन की आपूर्ति की जा रही है।

बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने दावा किया कि प्रधानमंत्री इमरान के खिलाफ विदेशी साजिश से जुड़े आरोप एक राजनयिक पत्र पर आधारित हैं, जो विदेश में पाकिस्तान के एक मिशन से प्राप्त हुआ है।

इस बीच, अखबार ‘द डॉन’ ने दावा किया था कि कथित पत्र अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद द्वारा दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के अमेरिकी उप विदेश मंत्री डोनाल्ड लू के साथ हुई उनकी बैठक के आधार पर भेजा गया था। हालांकि अमेरिका ने इन सभी आरोपों ने इनकार किया है।


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