सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में रह रहे लोकतंत्र के समर्थक चीनी विद्यार्थियों की चीन की सरकार और उसके समर्थक निगरानी कर रहे हैं, उनका उत्पीड़न करने के साथ ही उन्हें डरा-धमका रहे हैं तथा ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की अकादमिक स्वतंत्रता को संरक्षित करने में विफल रहे हैं। मानवाधिकारों की निगरानी करने वाली संस्था 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने बुधवार को प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक डराने-धमकाने के कारण उत्पन्न हुआ भय हाल के वर्षों में बहुत बढ़ गया है। इसमें सहपाठियों द्वारा विद्यार्थियों की गतिविधियों की जानकारी चीनी अधिकारियों को देना शामिल है। चीन में अपने परिवारों के खिलाफ प्रतिशोध से डरे रहे ऑस्ट्रेलिया में चीनी विद्यार्थी और शिक्षक बीजिंग से हजारों मील दूर होने के बावजूद अब अपने व्यवहार को नियंत्रित कर रहे हैं।
ह्यूमन राइट्स वॉच के शोधकर्ता एवं रिपोर्ट के लेखक सोफी मैकेनील ने कहा कि यह देखना काफी दुखी करने वाला है कि ये विद्यार्थी कितने अकेले हैं और घर से इतनी दूर कितने संवेदनशील हैं और विश्वविद्यालयों की ओर से सुरक्षा के इस अभाव को महसूस कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कि विश्वविद्यालयों को सचमुच बीजिंग से कड़ी प्रतिक्रिया का डर है इसलिए इन मुद्दों पर खुले तौर पर चर्चा करने के बजाय वे इस समस्या को छिपा रहे हैं। लेकिन हमारे विचार में वे अब इसे नहीं छिपा सकते।
चीनी मुख्य भू-भाग और हांगकांग से 24 लोकतंत्र समर्थक विद्यार्थियों और ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में 22 शिक्षकों के साक्षात्कार पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार 3 मामलों में चीन की पुलिस ऑस्ट्रेलिया में विद्यार्थियों की गतिविधियों के कारण उनके परिवारों के पास गई या उनसे मिलने को कहा। चीनी अधिकारियों ने एक विद्यार्थी को जेल भेजने की धमकी भी दी जिसने ऑस्ट्रेलिया में ट्विटर पर लोकतंत्र के समर्थन में संदेश पोस्ट किया था और एक अन्य का पासपोर्ट जब्त कर लिया था जिसने ऑस्ट्रेलिया में अपने सहपाठियों के सामने लोकतंत्र की हिमायत की थी।(भाषा)