इस्लामाबाद। इस्लामाबाद के यातायात अधिकारियों ने पहली बार किसी किन्नर को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया है। मीडिया की खबरों के मुताबिक उसने 15 वर्ष पहले कार चलाना शुरू किया था।
डॉन अखबार ने खबर दी है कि लैला अली ने पुलिस प्रमुख से बात की और राष्ट्रीय राजधानी में उनके समुदाय के लोगों को पुलिस द्वारा पीड़ित किए जाने सहित कई मुद्दों और समस्याओं के बारे में उन्हें सूचित किया। लैला किन्नर समुदाय की नेता हैं और राष्ट्रीय पहचान कार्ड तथा ड्राइविंग लाइसेंस पर उन्हें मोहम्मद अली के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है।
जियो टीवी के मुताबिक बातचीत में पुलिस प्रमुख ने उन्हें किन्नरों की समस्याओं के समाधान के लिए आश्वस्त किया और जब उन्हें पता चला कि 15 वर्षों से वह बिना लाइसेंस के वाहन चला रही हैं तो उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की पेशकश की।
इसने कहा कि रावलपिंडी स्थित आवाज शेमाले फाउंडेशन की अध्यक्ष लैला ने वर्ष 2000 में अपने पिता से वाहन चलाना सीखा। खबर में बताया गया है कि सभी व्यावहारिक परीक्षण करने के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने उन्हें लाइसेंस जारी कर दिया।