Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बदले की 'आग' में जला यूक्रेन का विमान, हुई थी 176 लोगों की मौत

हमें फॉलो करें बदले की 'आग' में जला यूक्रेन का विमान, हुई थी 176 लोगों की मौत
, शनिवार, 11 जनवरी 2020 (12:09 IST)
तेहरान। ईरान ने शनिवार को कहा कि गत सप्ताह दुर्घटनाग्रस्त हुए यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराया गया था, क्योंकि वह रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के संवेदनशील सैन्य ठिकाने के काफी करीब था। ईरानी सेना ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। ईरान ने जनरल सुलेमानी की मौत का बदला अमेरिका से मिसाइल दागकर लिया, लेकिन इस बदले की आग में विमान में सवार निर्दोष 176 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
बयान के अनुसार विमान को गिराने के लिए जिम्मेदार लोगों को सैन्य जांच के घेरे में लाया जाएगा और नतीजे के बाद उचित दंड दिया जाएगा। सेना ने इस दुर्घटना में मारे गए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
 
बयान में कहा गया कि अमेरिका के साथ तनाव चरम पर होने के कारण सेना हाई अलर्ट पर थी और जब विमान संवेदनशील सैन्य केंद्र की ओर मुड़ा तो गलती से इसे 'दुश्मन का लक्ष्य' समझ लिया गया। इस स्थिति में गैरइरादतन विमान को गिरा दिया गया। सेना ने इस हादसे के लिए माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की गलती नहीं हो इसके लिए तकनीक को और समृद्ध किया जाएगा।
 
विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारिफ ने इस हादसे के लिए माफी मांगते हुए ट्वीट किया कि 'अमेरिकी दुस्साहस' के कारण यह आपदा हुई। हमें बहुत पछतावा है और हम अपने लोगों और इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से माफी मांगते हैं।
 
कनाडा ने गुरुवार को कहा था कि उसके पास मौजूद खुफिया रिपोर्ट से पता चलता है कि विमान को ईरान ने ही मार गिराया है। इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण संभवत: ईरान के जमीन से अनजाने में दागी गई मिसाइल को बताया था। ईरान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था।
 
ईरान के नागरिक विमानन संगठन (सीएओआई) प्रमुख अली आबेदजादेह ने शुक्रवार को कहा था कि हाल ही में ईरान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ यूक्रेन का विमान तकनीकी खराबी की वजह से गिरा था और पश्चिमी देशों का यह दावा गलत है कि वह हमारे मिसाइल हमले की चपेट में आकर नष्ट हुआ था।
 
आबेदजादेह ने कहा कि अगर इस विमान पर कोई मिसाइल हमला हुआ होता तो इसके टुकड़े काफी बड़े क्षेत्र में बिखरे होते लेकिन सारे टुकड़े एक ही स्थान पर मिले हैं। जांच दल विमान के ब्लैक बाक्स से प्राप्त होने वाली जानकारी का इंतजार कर रहा है।
 
विमान के पायलट ने उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद वापस लौटने के लिए कंट्रोल टॉवर को सूचना दी थी लेकिन बीच हवा में ही इसके इंजन में आग लग गई थी और 2 मिनट बाद यह पूरी तरह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
 
अमेरिका और कनाडा ने पहले ही कहा था कि यूक्रेन के विमान को ईरान ने मिसाइल से दागा है जिसका खाड़ी देश ने खंडन किया था। ईरान ने यूक्रेन एयरलाइंस के विमान के तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त होने की बजाय मिसाइल का शिकार होने के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद कनाडा से विमान हादसे के कारणों से संबंधित जानकारी साझा करने का अनुरोध किया था।
 
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा कि ईरान ने कनाडा के प्रधानमंत्री और किसी भी अन्य सरकार, जिनके पास घटना के बारे में कोई जानकारी है, से इस संबंध में जानकारी साझा करने को कहा है। ईरान ने यूक्रेन के विशेषज्ञों और बोइंग कंपनी के प्रतिनिधियों को भी जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
 
ट्रूडो ने गुरुवार को कहा कि हमें कई सूत्रों से खुफिया जानकारी मिली है जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विमान सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल के हमले के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुआ था हालांकि ऐसा अनजाने में भी हुआ हो सकता है। ट्रूडो के इस बयान के बाद ईरान ने कनाडा से विमान के हादसे के कारणों की जानकारी साझा करने का अनुरोध किया था।
 
इसके बाद ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा कि विमान हादसे की जांच के लिए कनाडा का एक प्रतिनिधिमंडल ईरान आ रहा है और यह विमान हादसे के बारे में सभी तकनीकी पहलुओं की जांच करेगा। ईरान और कनाडा के विदेश मंत्रालयों के बीच समन्वय के बाद कनाडाई प्रतिनिधिमंडल जांच के लिए यहां के लिए रवाना हो चुका है।
 
उन्होंने कहा कि उस हादसे में मारे गए लोग जिन देशों के थे, उनकी सरकारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। इसमें यूक्रेन और संबद्ध देशों तथा बोइंग कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और मिलकर जांच करेंगे तथा इन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ प्रकाशित किया जाएगा।
 
गौरतलब है कि बुधवार को हुए उस विमान हादसे में विमान में सवार सभी यात्रियों और विमान कर्मचारियों समेत कुल 176 लोग मारे गए थे। मृतकों में 82 ईरान और 63 कनाडा के थे। यह हादसा उसी दिन हुआ, जब ईरान ने इराक में अमेरिकी ठिकानों को लक्ष्य बनाकर 15 से अधिक मिसाइलें दागी थीं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बैंक वीडियो रिकॉर्डिंग से भी कर सकेंगे ग्राहकों की KYC, मिली RBI की मंजूरी