Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दुनिया में महिलाओं की ‘गुलामी’ की ये रिपोर्ट देखकर चौंक जाएंगे आप!

हमें फॉलो करें दुनिया में महिलाओं की ‘गुलामी’ की ये रिपोर्ट देखकर चौंक जाएंगे आप!
, रविवार, 11 अक्टूबर 2020 (14:08 IST)
  • दुनियाभर में दो करोड़ 90 लाख महिलाएं आज भी आधुनिक दासता का शिकार
  • दासता की शिकार महिलाओं का आंकड़ा वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या से भी अधिक है
दुनियाभर में दो करोड़ 90 लाख महिलाएं आज भी आधुनिक दासता का शिकार हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, समाज में यह दासता जबरन श्रम, जबरन विवाह, कर्ज देकर बंधक बनाना और घरेलू दासता के रूप में मौजूद है। आधुनिक दासता की शिकार महिलाओं का आंकड़ा वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या से भी अधिक है।
मीड‍िया रि‍पोर्ट के हवाले से वॉक फ्री एंटी-स्लेवरी ऑर्गनाइजेशन के सह-संस्थापक ग्रेस फॉरेस्ट ने कहा कि हर 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक आज आधुनिक गुलामी में जी रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविकता यह है कि मानव इतिहास में किसी अन्य समय की तुलना में आज गुलामी में रहने वाले अधिक लोग हैं। जबकि लोग आज के विकसित समाज को महिलाओं के लिए सबसे अधिक अच्छा मानते हैं।

उन्‍होंने कहा कि जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का आर्थिक या स्वंय के लाभ के लिए शोषण करता हो और किसी की स्वतंत्रता को चरणबद्ध तरीके से खत्म करता हो। इसे वॉक फ्री एंटी-स्लेवरी ऑर्गनाइजेशन ने आधुनिक दासता की परिभाषा माना है। आधुनिक गुलामी में रहने वाली 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक का वैश्विक अनुमान संयुक्त राष्ट्र की इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन और इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के काम के आधार पर बनाया गया है।

इस रिपोर्ट के स्टैक्ड ओड्स कैटेगरी में लिखा गया है कि यौन उत्पीड़न के सभी पीड़ितों में 99 फीसदी महिलाएं हैं। जबरदस्ती विवाह के सभी पीड़ितों में 84 फीसदी और जबरदस्ती श्रम के सभी पीड़ितों में 58 फीसदी महिलाएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आधुनिक गुलामी का चेहरा समय के साथ मौलिक रूप से बदल गया है।

इस रिपोर्ट को बनाने वाली संस्था के सह-संस्थापक ग्रेस फॉरेस्ट ने कहा कि ये आंकड़े महामारी शुरू होने के पहले के हैं। इसलिए महामारी के बाद महिलाओं और लड़कियों के ऊपर कैसे जुल्म हुए या उनकी आजादी को कैसे प्रभावित किया गया। इसे लेकर अभी तक कोई भी जानकारी नहीं है।

फॉरेस्ट ने कहा कि वॉक फ्री और यूएन की हर महिला हर बाल कार्यक्रम (Every Woman Every Child Program) आधुनिक दासता को खत्म करने के लिए कार्रवाई की मांग करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू कर रहा है। इस कार्यक्रम के जरिए बाल विवाह और जबरन विवाह को खत्म करने का आग्रह किया जाएगा। दुनिया में अब भी 136 देश ऐसे हैं जहां इस प्रथा को अपराध नहीं माना जाता है।

बताया गया है कि इस अभियान के जरिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भी पारदर्शिता और जवाबदेही का आग्रह किया जाएगा। फॉरेस्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि महिलाओं और लड़कियों को हर दिन हमारे द्वारा खरीदे जाने वाले सामानों की आपूर्ति श्रृंखलाओं में शोषण और जबरन श्रम करना पड़ता है। खासकर कपड़े, कॉफी, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों में यह ज्यादा हो रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिल्ली की लड़की बनी एक दिन के लिए ब्रिटेन की उच्चायुक्त