USA Presidential Election 2024: अमेरिका में शुक्रवार को वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। बता दें कि 81 साल के हो चुके बाइडेन के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से खुद को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे सही उम्मीदवार साबित करने के लिए यह सबसे अच्छा मौका था। लेकिन करीब 75 मिनट की बहस के बाद वॉशिंगटन पोस्ट और डिबेट होस्ट करने वाले CNN ने इसमें ट्रम्प को विजेता घोषित किया।
दरअसल जो बाइडेन ठीक से अपनी बात नहीं रख पा रहे थे, वे बार बार अटक रहे और उन्हें खांसी आ रही थी। यहां तक कि वे ट्रंप के आरोपों का न तो जवाब दे पा रहे थे और न ही खंडन कर पा रहे थे। इस लिहाज से देखें तो टंप बहस में आगे चल रहे हैं।
बाइडेन की इस हल्की परफॉर्मेंस के बाद उनकी दावेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वे आशंका जता रहे हैं कि बाइडेन चुनाव से पहले अगले 4 महीने तक होने वाले कैंपेन को भी पूरा नहीं कर पाएंगे।
बहरहाल अमेरिका के चुनाव में कौन जीतता है कौन हारेगा ये तो समय आने पर ही पता चलेगा, बता दें कि अमेरिका में इस साल के आखिर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माना वाले अमेरिका में नए राष्ट्रपति के चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर है। लेकिन इस वहां के चुनाव से भारत पर क्या असर होगा, यह सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है।
ट्रंप की जीत से क्या होगा भारत पर असर : भारत की बात करें तो अपने पहले टर्म में ट्रंप ने भारत को टैरिफ किंग कहा था और फिर कहा है कि सत्ता में वापस आए तो भारत से इंपोर्ट पर वैसे ही टैरिफ़ लगाएंगे जैसे भारत वहां से इंपोर्ट पर लगाता है। हारली डेविडसन मोटरसाइकिल उनका इस मामले में पसंदीदा उदाहरण रहा है। उन्होंने कुछ वक्त पहले ये भी कहा कि भारत की हवा गंदी है। और पहले के ऐक्शन को देखें तो वो पेरिस क्लाइमेट डील से भी अमेरिका को बाहर कर सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन से निबटने की कोशिशों के लिए बड़ा झटका होगा।
हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप : डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की बात करें तो रिपबल्किन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप इस चुनाव में खड़े हैं। डोनाल़्ड ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को उन्होंने अमेरिका के 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में खूब भुनाया था। तब टेक्सास के ह्यूस्टन के एक बड़े NRG स्टेडियम में हाउडी मोदी कार्यक्रम से उन्होंने भारतीय अमेरिकियों के वोट को खींचने की कोशिश की थी। हालांकि हाउडी मोदी (Howdy Modi) के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप जैसा बड़ा आयोजन कराया था। इसे ट्रंप का भारत के प्रति या पीएम मोदी के प्रति झुकाव कह लें कि वो अपना पूरा परिवार लेकर अहमदाबाद आए थे।
क्या एंटी इंडिया हैं बाइडेन : वहीं, बाइडेन अगर राष्ट्रपति पद पर बरकारा रहते हैं तो भारत को कई मौकों पर अमेरिका का साथ मिलेगा। हालांकि चुनाव जीतने से पहले बाइडेन और कमला हैरिस को एंटी इंडियन के तौर पर दिखाया जा रहा था। भारत को जेनोफोबिक कहने पर बाइडेन को विरोध झेलना पड़ा था। दरअसल, महीने भर पहले जो बाइडेन ने भारत को लेकर एक विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिसे लेकर बाइडेन को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। बाइडेन ने भारत को जेनोफोबिक बता दिया था। मतलब भारत को दूसरे देशों के लोग नापसंद होते हैं। विदेशियों को जिनमें भारतीय भी शामिल हैं उन्हें आसानी से वीजा नहीं मिलता। बाइडेन ने जेनोफोबिक का प्रयोग चीन, जापान और रूस के लिए भी किया था। जबकि ट्रंप भारतीयों को वीजा देने में बिल्कुल नहीं हिचकते हैं।
भारत एक अच्छी स्थिति में है : अमेरिकी चुनाव के असर के बारे में पूरी तरह से तो वहां सरकार बनने के बाद ही पता चलेगी, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस की नजर में भारत एक अच्छी स्थिति में है। अमेरिका भारत को चीन के भूराजनीतिक प्रतिपक्ष के रूप में देखता है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इस महीने की शुरुआत में ही भारत में आम चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। भारत पर हालिया सालों में लोकतांत्रिक तौर पर पिछड़ने और आर्थिक तस्वीर को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगा है, लेकिन भारत के रणनीतिक महत्व को देखते हुए ये बात अमेरिका के लिए मायने नहीं रखती है। अमेरिकी चुनाव में जो कुछ भी होता है, उससे इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत वैश्विक मंच पर कैसे काम करेगा। दोनों उम्मीदवार भारत के लिए जाने पहचाने हैं।
क्या बदलेगा और क्या नहीं : अगर बाइडन राष्ट्रपति बने रहते हैं तो यथास्थिति बनी रहेगी, जिसका मतलब है स्वस्थ व्यापारिक संबंध और रेड कार्पेट ट्रीटमेंट। पिछले साल ही नरेंद्र मोदी आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए वाशिंगटन गए थे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में व्हाइट हाउस में एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया था और उन्होंने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित किया था। दूसरी ओर अगर डोनाल्ड ट्रंप फिर से चुने जाते हैं तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। वह कई मौकों पर नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं है। ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए 2020 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान वह मोदी के गृह राज्य गुजरात गए थे और उनका भव्य स्वागत हुआ था। ये दिखाता है कि भारत के लिए दोनों ही स्थितियों में बहुत नुकसान या फायदा जैसी स्थिति नहीं है।
Edited by Navin Rangiyal