वाशिंगटन। चीन और ताइवान में जारी तनाव के बीच अमेरिका ने ताइवान को 1.1 अरब डॉलर मूल्य के हथियार बेचने पर सहमति जताई है। प्रस्तावित सौदे में हमलों, एंटी-शिप, एंटी-एयर मिसाइलों का का पता लगाने वाला एक रडार सिस्टम एक रडार सिस्टम शामिल है। इस बीच अमेरिका ने चीन पर सैनिकों की ब्रेन मैपिंग का आरोप लगाया है। अमेरिकी एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने ही सैनिकों की जासूसी करवा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को हथियारों की बिक्री पर बनी सहमित पर अभी भी ताइवान समर्थक अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मतदान किए जाने की आवश्यकता है। यह कदम अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के पिछले महीने ताइपे जाने के लिए 25 वर्षों में सबसे वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी बनने के बाद आया है। उधर, वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने अमेरिका से सौदे को रद्द करने की अपील की है।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा कि यह सौदा अमेरिका और चीन के बीच संबंधों को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकता है। उन्होंने कहा कि चीन उत्पन्न स्थिति के आलोक में वैध और आवश्यक जवाबी कदम उठाएगा।
चीन स्व-शासित द्वीप ताइवान को अपने क्षेत्र के एक हिस्से के रूप में देखता है और जोर देता है कि यदि आवश्यक हो तो बल द्वारा इसे चीन के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए। सुश्री पेलोसी की यात्रा के बाद उसने पिछले महीने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास शुरू किया था।
अमेरिकी हथियारों के पैकेज में 65.5 करोड़ डॉलर की रडार चेतावनी प्रणाली और 35.5 डॉलर के 60 हार्पून मिसाइल्सशामिल हैं, जो जहाजों को डूबाने में सक्षम हैं। अमेरिका रक्षा विभाग की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी के अनुसार इसके अलावा 85.6 करोड़ डॉलर की हवा और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति पर सहमति जताई है।
बीबीसी ने अमेरिका के विदेश विभाग के एक प्रवक्ता के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह सौदा ताइवान की सुरक्षा के लिए आवश्यक है और चीन से ताइवान के खिलाफ अपने सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव को रोकने तथा इसके बजाय सार्थक बातचीत में संलग्न होने का आह्वान किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रस्तावित बिक्री ताइवान के अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और एक विश्वसनीय रक्षात्मक क्षमता बनाए रखने के निरंतर प्रयासों का समर्थन करने के लिए नियमित मामले हैं।
डिफेंस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सांसदों का कहना है कि ताइवान द्वारा सालों पहले दिए गए आदेश अधूरे रह गए हैं। बैकलॉग में हार्पून और स्टिंगर मिसाइलें हैं, जिन्हें बदले में यूक्रेन भेजा गया है।