Vladimir Putin News : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'मेक इन इंडिया' पहल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा है कि रूसी कंपनियां भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि वहां निवेश करना लाभदायक है। पुतिन ने कहा कि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश जुटाने के लिए शुरू की गई 'मेक इन इंडिया' पहल ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 25 सितंबर, 2014 को इस पहल की शुरुआत की थी।
पुतिन ने बुधवार को मॉस्को में 15वें वीटीबी निवेश मंच को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश जुटाने के लिए शुरू की गई 'मेक इन इंडिया' पहल ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 25 सितंबर, 2014 को इस पहल की शुरुआत की थी। पिछले 10 वर्षों में इस पहल के तहत स्थानीय विनिर्माण एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री और भारत सरकार स्थिर स्थितियां बना रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय नेतृत्व भारत को पहले रखने की नीति पर चल रहा है और हमारा मानना है कि भारत में निवेश लाभदायक है।
उन्होंने रूस में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए संचालित 'आयात प्रतिस्थापन कार्यक्रम' को 'मेक इन इंडिया' के समान बताते हुए कहा कि भारत का नेतृत्व अपने हितों को प्राथमिकता देने की नीति पर केंद्रित है। पुतिन ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी का भी ऐसा ही एक कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' है। यह हमारे कार्यक्रम से बहुत मिलता-जुलता है।
उन्होंने कहा कि आयात प्रतिस्थापन कार्यक्रम के तहत रूसी बाजार से बाहर हो चुके पश्चिमी ब्रांडों की जगह नए रूसी ब्रांडों का उदय हुआ है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता उत्पाद, सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च प्रौद्योगिकी एवं कृषि क्षेत्रों में स्थानीय विनिर्माताओं को खासी सफलता मिली है।
पुतिन ने भारत में रूसी विनिर्माण इकाई लगाने की पेशकश करते हुए कहा, हम भारत में अपने विनिर्माण परिचालन शुरू करने के लिए तैयार हैं। रॉसनेफ्ट ने हाल ही में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का सबसे बड़ा निवेश किया है। रॉसनेफ्ट रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी है।
भारत और रूस ने इस साल जुलाई में द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर से अधिक ले जाने पर सहमति जताई थी। इनका द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में बढ़कर 65.42 अरब डॉलर हो गया जो 2022-23 में 49.4 अरब डॉलर था। हालांकि कच्चे तेल के आयात में उछाल के कारण व्यापार घाटा रूस के पक्ष में है।
इसके साथ ही पुतिन ने छोटी एवं मझोली इकाइयों (एसएमई) के विकास का समर्थन करने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच अधिक सहयोग का आग्रह किया। नौ सदस्यीय ब्रिक्स समूह में भारत, चीन, रूस और ब्राजील भी शामिल हैं। उन्होंने ब्रिक्स के सदस्यों को अगले साल ब्राजील में होने वाले शिखर सम्मेलन में सहयोग के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour