पुतिन को दो फ्रंट पर युद्ध लड़ना पड़ रहा है, एक यूक्रेन के साथ तो दूसरा खुद अपने ही देश के साथ। जहां पिछले करीब 1 महीने से रूस के हमलों के बावजूद यूक्रेन हार नहीं मान रहा है, वहीं दूसरी तरफ पुतिन खुद अपने ही देश के लोगों से परेशान हैं।
दरअसल जंग के बीच पुतिन अपने देश में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कई अन्य साइट्स पर बैन लगा चुके हैं। जबकि नेटफ्लिक्स, टिकटॉक जैसी कई अन्य वेबसाइट ने रूस में काम करना बंद कर दिया है। ऐसे में वहां इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह से ठप्प है।
पुतिन चाहते भी थे कि उनका देश आउट ऑफ इंटरनेट रहे, लेकिन उनके अपने देश के नागरिकों ने ही उनके लिए परेशानी खड़ी कर दी है।
दरअसल, रूसी नागरिकों ने पुतिन की सारी पाबंदियों को नाकाम कर दिया है। रूसी नागरिक एक दूसरे तरीके से ये सभी प्रतिबंधत प्लेटफॉर्म इस्तेमाल कर रहे हैं। अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को समझ नहीं आ रहा है कि वे इस नई मुसीबत से कैसे निपटे।
क्या है दूसरा तरीका
दरअसल, रूसी नागरिक सोशल मीडिया और दूसरी वेबसाइट्स चलाने के लिए VPN का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे रोजाना करीब 4 लाख से ज्यादा रूसी लोग डाउनलोड कर रहे हैं।
आइए जानते हैं क्या है VPN और ये कैसे काम करता है?
VPN का मतलब होता है वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क। कहा जाता है कि इसका सबसे पहले 1996 में इस्तेमाल हुआ था। यह एक ऐसा टूल है, जो आपको प्राइवेट नेटवर्क बनाने में मदद करता है।
कैसे करता है काम?
इसके बारे में कहा जाता है कि आप Jio, Airtel, BSNL जैसे किसी भी ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल कर रहे हों, VPN से आप अपना प्राइवेट नेटवर्क बना सकते हैं। प्राइवेट नेटवर्क का मतलब है कि आप कुछ लिमिटेड लोगों के साथ या उनके बीच अपना होम नेटवर्क कनेक्शन बनाकर उनसे जुड़े रह सकते हैं।
क्या है खासियत?
इसकी खासियत यह है कि इसका इस्तेमाल करने पर या इसकी मदद से किसी चीज को इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो इसका कोई भी डेटा उस देश की सरकार या निगरानी करने वाले संस्थान, ऑपरेटर के पास स्टोर नहीं हो पाता है। यानि आप अपने मोबाइल में क्या सर्च कर रहे हैं, ये जानकारी किसी के पास नहीं जाती है।
इसका मतलब ये भी होता है कि VPN का इस्तेमाल करने से आप जिस IP एड्रेस (इंटरनेट प्रोटोकॉल) के साथ सर्च करते हैं ये उस एड्रेस और लोकेशन को छिपा देता है, जिसे कोई दूसरा ट्रैक नहीं कर सकता है।
ये एक तरह से लोकेशन और आईपी ऐड्रेस को बदल देता है या गायब कर देता है।
अगर इसका इस्तेमाल नहीं करते हुए सामान्य तरीके से इंटरनेट चला रहे हैं यानी किसी ब्रॉडबैंड कंपनी जैसे Jio, Airtel का नेटवर्क इस्तेमाल कर रहे हैं तो उस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आपके बारे में सारी जानकारी होती है, मसलन आप क्या सर्च कर रहे हैं? कौन-सी वेबसाइट देख रहे हैं? क्या डाउनलोड कर रहे हैं? कंपनी के पास आपकी ऑनलाइन हिस्ट्री भी होती है।
कैसे पुतिन को हो रहा नुकसान?
इसी VPN तकनीक की वजह से रूसी नागरिक जाने या अनजाने पुतिन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दरअसल, पुतिन चाहते हैं कि जंग से जुड़ी जानकारियां रूसी नागरिकों तक ना पहुंचें और पुतिन अपने मन मुताबिक खबरें अपने देश के नागरिकों तक पहुंचा सके।
इसीलिए उन्होंने फेसबुक, इंस्टाग्राम के साथ ही कई न्यूज वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब हो यह रहा है कि लंबे वक्त से चले आ रहे युद्ध की वजह से न रूस का भी नुकसान हो रहा है, वहां महंगाई के साथ ही अन्य आर्थिक मुसीबतें शुरू हो जाएगी, ऐसे में रूसी लोगों ने ही पुतिन का विरोध शुरू कर दिया है।
गूगल पर बना रहे दबाव
ऐसे में अब VPN पुतिन के लिए नई मुसीबत बन गया है, जिसकी वजह से रूसी नागरिक प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने गूगल पर दबाव बनाया है कि गूगल VPN को लिस्ट से बाहर करे जिससे उनके देश के लोग इसका इस्तेमाल न कर सके।
रूस में बढ़ी VPN यूजर्स की संख्या
अब रूसी नागरिक VPN का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। हर रोज 4 लाख से अधिक लोग इसे डाउनलोड कर रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि 15 फरवरी से लेकर अब तक VPN यूजर्स की संख्या में 3500% से अधिक का इजाफा हुआ है।
दुनिया में VPN के कितने यूजर्स हैं?
ग्लोबल VPN प्रोवाइडर AtlasVPN की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2021 तक भारत में 35 करोड़ लोगों ने VPN इंस्टॉल किया। 2020 के मुकाबले 2021 में VPN यूजर्स की संख्या में 671% का इजाफा हुआ। दुनियाभर में सबसे ज्यादा कतर, UAE और सिंगापुर के लोग VPN का इस्तेमाल करते हैं।