Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कटोरी, चिकन, टायर, बैंगन, जूता, सिमकार्ड, पाकिस्तान में ये कैसे-कैसे चुनाव चिन्ह

हमें फॉलो करें delhi electiobn voting

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 8 फ़रवरी 2024 (09:38 IST)
File photo
Pakistan Election 2024: आतंकी हमलों और राजनीतिक उठापटक के बीच गुरुवार को पाकिस्तान में जनरल इलेक्शन के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। नवाज शरीफ पीएम की रेस में सबसे आगे हैं। इस बीच पाकिस्तान में उम्मीदवारों और चुनावी पार्टियों के चुनाव चिन्ह को लेकर जमकर चर्चा है। आइए जानते हैं कैसे कैसे चुनाव चिन्ह है पाकिस्तान में।

चुनाव चिन्ह कैसे-कैसे : बता दें कि पाकिस्तान में चुनावों के लिए जो चिन्ह उम्मीदवारों को दिए हैं, वो बेहद अजीब और दिलचस्प हैं। राजनीतिक दलों को 150 चुनाव चिन्ह दिए गए हैं तो अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों को 174 चुनाव चिन्ह बांटे गए हैं। इनमें गधा गाड़ी, प्रेस करने वाला बोर्ड, कटोरी, चिकन, बैंगन, जूता, वॉश बेसिन, नेल कटर, मोबाइल फोन चार्जर, सिम कार्ड, पेच, चम्मच, तवा गुब्बारे, घंटी, साइकिल, दूरबीन, बाल्टी, बल्ब, तितली, ऊंट, तोप, कुर्सी, दीया, मगरमच्छ, हाथी, पंखा, मछली, फव्वारा, दरवाजा, गुलेल, प्रेस, जीप, झाड़ू, चाभी, सीढ़ी, कप, बंदूक, अंगूठी, ऑटोरिक्शा, हेलमेट, स्ट्रीट लाइट, तलवार, ट्रैक्टर, टायर, भी चुनाव चिन्ह के तौर पर बांटे गए हैं

पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह : इसी तरह पाकिस्तान के राजनीतिक दलों के भी चुनाव चिन्ह सामने आए हैं। नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज पार्टी का चुनाव चिन्ह टाइगर (बाघ) है। जबकि बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर है। अल्लाह-हू-अकबर तहरीक पार्टी का चुनाव चिन्ह कुर्सी है। आवामी नेशनल पार्टी का चुनाव चिन्ह लालटेन है और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी का चुनाव चिन्ह कुल्हाड़ी। वहीं जमात-ए-इस्लामी को तराजू का चुनाव चिन्ह दिया गया है। इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी का चुनाव चिन्ह चील है। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान का चुनाव चिन्ह पतंग है।

'कब्र का पत्थर' चुनाव चिन्ह : हाल ही में इमरान खान की पार्टी से बल्ले का चुनाव छिन जाने पर जमकर बवाल मचा था। लेकिन ये पहली बार नहीं था जब चुनाव चिन्ह को लेकर पाकिस्तान में बवाल हुआ हो। चुनावों को लिए दिए गए चुनाव चिन्ह कई बार विवाद का कारण भी बन जाते है। ऐसा ही एक चुनाव चिन्ह 'कब्र का पत्थर' भी था। कुछ साल पहले तक निर्दलीय उम्मीदवारों को दिए जाने वाले चुनाव चिन्ह में कब्र पर लगा पत्थर भी शामिल था, लेकिन इसबार विरोध के चलते इसे हटा लिया गया है। दरअसल यूं तो निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह चुनने का मौका दिया जाता है, लेकिन कई बार रिटर्निंग अधिकारी ही उन्हें चुनाव चिन्ह दे देता है और अटपटे चुनाव चिन्ह उम्मीदवार को परेशानी में डाल देते हैं।

इसलिए दिए जाते हैं चुनाव चिन्ह : बता दें कि चुनाव चिन्ह एक अहम हिस्सा है चुनावों का। इसी चिन्ह की वजह से उम्मीदवार की पहचान होती है। उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह को देखकर मतदाता वोट करता है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसकी 40 फीसदी से ज्यादा आबादी पढ़-लिख नहीं सकती। ग्रामीण इलाकों में तो ये आंकड़ा 50 फीसदी तक पहुंच जाता है। ऐसे में उनके लिए उम्मीदवार की पहचान उसका चुनाव चिन्ह ही हो जाता है।
Edited By Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिग्गी के गढ़ राघौगढ़ से वीडी शर्मा आज करेंगे भाजपा के गांव चलो अभियान का आगाज, हर बूथ जीतने का टारगेट