ब्रिटेन के 72 वर्षीय रिटायर्ड इलेक्ट्रीशियन जैक को अपने सर्जन को नकली दांत के बारे में नहीं बताना खासा महंगा पड़ गया। डॉक्टर ने बगैर दांत निकाले ऑपरेशन कर दिया। छह दिन बाद वह फिर डॉक्टर के पास पहुंचा और बताया कि उसके गले से खून निकल रहा है, कुछ निगला नहीं जा रहा और कुछ भी खाने पर गले में असहनीय दर्द होता है।
BMJ केस रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों ने उसके गले की जांच की, तो उन्हें कुछ भी असामान्य नहीं मिला। छाती के एक्स-रे और रक्त परीक्षण का आदेश देने के बाद, डॉक्टरों ने बताया कि उसकी सांस नली में संक्रमण है, उसे दवाई देकर घर भेज दिया गया।
मरीज को फिर भी आराम नहीं मिला। लेटने पर उसे सांस लेने में भी मुश्किल हो रही थी, फिर उसने अपने सोफे पर सीधा बैठकर सोना शुरू कर दिया। इस तरह के हालात में वह फिर डॉक्टरों के पास पहुंचा।
लेख में हैरियट क्यूनिफ ने कहा, गले की हर तरह से जांच की गई पर यह पता नहीं चल पा रहा था कि उसे समस्या क्या है। इस पर जैक की नासेंडोस्कोपी की गई। इस जांच में नाक के जरिए फाइबर ऑप्टिक कैमरा अंदर डाला गया। जांच में पता चला कि उसके गले में एक बड़ी सी चीज फंसी हुई है।
इस पर जैक ने बताया कि 8 दिन पहले जनरल सर्जरी के दौरान उसके नकली दांत गुम हो गए थे। नकली दांतों में नकली प्लेट और आगे के तीन दांत थे। बाद में ऑपरेशन कर इन दांतों को निकाला गया और मरीज को आराम मिला।