Who is Iran Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei: इजराइल और अमेरिका के हमलों से बचने के लिए बंकर में छिपने वाले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने युद्ध खत्म होने के बाद राहत की सांस ली होगी कि उनकी जान बच गई। लेकिन, अब वे अपने ही देश में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल, ईरान के उदारवादी लोगों का मानना है कि खामेनेई की वजह से ही ईरान युद्ध और आर्थिक संकट में फंस गया है। खासकर युवा और महिलाएं खामेनेई के खिलाफ हैं।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि खामेनेई को सत्ता से हटाने की कोशिशें अंदर ही अंदर चल रही है। ईरान के प्रमुख कारोबारी, सैन्य अधिकारी और कुछ मौलवी तख्तापलट कर सकते हैं। ऐसे में खामेनेई को हाथ से सत्ता फिसलने का डर सता रहा है। हालांकि खामेनेई सरकार को सतर्क हो गई है। कुर्द जैसे अशांत क्षेत्रों में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है, वहीं कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
खामेनेई के इस्तीफे की मांग : ईरान इजराइल जंग के बाद ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस रेजा शाह पहलवी ने परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षा को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने खामेनेई के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि खामेनेई शासन के अंत के बाद ही ईरान में शांति आ सकती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अमेरिका और इजराइल पर्दे के पीछे से ईरान में विद्रोह को हवा दे सकते हैं। इस बीच, ईरान ने सरकार ने विद्रोह के डर से लोगों का दमन शुरू कर दिया है। ऐसे कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं, जो विद्रोह को हवा दे सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती सीमाओं को सील कर दिया गया है।
कौन हैं अयातुल्ला अली खामेनेई : खामेनेई ईरान के वर्तमान में ईरान के सुप्रीम लीडर हैं और 1989 से इस प्रभावशाली पद पर हैं। उनका जन्म 17 जुलाई 1939 को ईरान के मशहद शहर में हुआ था और उनका पालन-पोषण एक धार्मिक परिवार में हुआ। उनके पिता एक शिया धर्मगुरु थे। खामेनेई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मशहद और बाद में पवित्र शहर कोम में हासिल की, जहां उन्होंने शिया इस्लामिक न्यायशास्त्र और धर्मशास्त्र का गहन अध्ययन किया।
इस्लामिक क्रांति से पहले खामेनेई ने शाह के शासन के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन गतिविधियों के कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और कैद भी किया गया। वे अयातुल्ला रूहोल्लाह खामेनेई के एक वफादार अनुयायी थे, जो ईरान की इस्लामिक क्रांति के जनक थे। क्रांति की सफलता के बाद खामेनेई ने ईरान के नए इस्लामिक गणराज्य में अहम भूमिकाएं निभाईं। खामेनेई 1981 से 1989 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे। रूहोल्लाह खामेनेई की मृत्यु के बाद, विशेषज्ञ परिषद ने उन्हें उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना, जिससे वे ईरान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन गए।
महसा अमीनी कांड में झेलना पड़ा था विरोध : ईरान का महसा अमीनी कांड एक ऐसी घटना है, जिसने 2022 में पूरे ईरान और दुनिया भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया। महसा की मृत्यु ने पूरे ईरान में भारी आक्रोश पैदा किया था। महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर हिजाब जलाने, अपने बाल काटने और महिला, जीवन, स्वतंत्रता (जान, जिंदगी, आजादी) के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। इन विरोध प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और यह इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में हुए सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक बन गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना की कड़ी निंदा की गई थी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala