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क्यों कौतूहल पैदा करने वाला है क्षुद्र ग्रह 2023 बीयू का पृथ्वी के करीब से गुजरना

हमें फॉलो करें क्यों कौतूहल पैदा करने वाला है क्षुद्र ग्रह 2023 बीयू का पृथ्वी के करीब से गुजरना
, शनिवार, 28 जनवरी 2023 (21:44 IST)
पर्थ (ऑस्ट्रेलिया)। हमारे सौरमंडल में लाखों क्षुद्र ग्रह है जिसका अभिप्राय है कि नए क्षुद्र ग्रहों की खोज अकसर होती है।इसका अभिप्राय यह भी है कि पृथ्वी और क्षुद्र ग्रहों का आमना-सामना होना सामान्य है। कई बार इस आमना-सामना का असर पृथ्वी पर होता है और यदाकदा इनके नतीजे गंभीर होते हैं। हाल में खोजे गए क्षुद्र ग्रह, जिसका नाम 2023 बीयू रखा गया है, सुर्खियों में है, क्योंकि यह धरती के बेहद करीब से गुजरा।

इस साल 21 जनवरी को इस क्षुद्र ग्रह को क्रीमिया के शौकिया खगोलशास्त्री गेनेडी बोरिसोव ने खोजा था और खोज के सात दिन बाद 27 जनवरी को इसकी धरती से दूरी (दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी बिंदु से) से महज 3600 किलोमीटर थी।

यह दूरी पर्थ और सिडनी शहरों की दूरी से थोड़ी अधिक है और धरती और चंद्रमा की दूरी का महज एक प्रतिशत है। यह क्षुद्र ग्रह अंतरिक्ष के उस क्षेत्र से गुजरा जहां पर मानव निर्मित उपग्रह भी मौजूद हैं जो धरती का चक्कर लगाते हैं। इसके साथ ही 2023 बीयू चौथा ज्ञात क्षुद्र ग्रह है, जो धरती के इतने करीब से गुजरा।

2023 बीयू का मूल्यांकन क्षुद्र ग्रह और खतरे के तौर पर कैसे किया जाए?
2023 बीयू धरती के करीब से गुजरने के अलावा महत्वपूर्ण नहीं है। इसका व्यास महज चार से आठ मीटर है जो छोटे आकार के क्षुद्र ग्रहों की श्रेणी में आता है। यह हमारे सौर मंडल में मौजूद लाखों-करोड़ों वस्तुओं की तरह है और संभव है कि गत सहस्राब्दी में 2023 बीयू पहले भी कई बार धरती के करीब आया हो। अब तक हम इस तथ्य से बेखबर हैं।

अगर संदर्भ लें कि औसतन चार मीटर के व्यास का क्षुद्र ग्रह हर साल और आठ मीटर व्यास का क्षुद्र ग्रह हर पांच साल में धरती से टकराए तो इस आकार के क्षुद्र ग्रह खंडित होकर उल्कापात करते हैं और कुछ उल्कापिंड के रूप में धरती तक पहुंचते हैं।

अब 2023 बीयू की खोज की जा चुकी है और सूर्य के चारों ओर उसकी कक्षा का अनुमान लगाया जा चुका है और भविष्य में धरती के करीब आने का पहले से ही पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। अनुमान है कि वर्ष 2077 से 2123 के बीच इसके 10 हजार में एक बार धरती को प्रभावित करने की आशंका है। इसलिए हमें 2023 बीयू या सौर मंडल के ऐसे लाखों वस्तुओं से भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

पृथ्वी पर मौजूद जीवन को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित करने के लिए 25 मीटर से अधिक व्यास के क्षुद्र ग्रह के टकराने और मौजूदा सभ्यता को चुनौती देने के लिए कम से कम एक किलोमीटर व्यास वाले क्षुद्र ग्रह की टक्कर होनी चाहिए।

एक अनुमान के मुताबिक हमारे सौर मंडल में ऐसे क्षुद्र ग्रहों की संख्या एक हजार से कुछ अधिक है और प्रत्‍येक पांच लाख साल में एक बार वे धरती को प्रभावित कर सकते हैं। हम इनमें से 95 प्रतिशत से अधिक क्षुद्र ग्रहों को जानते हैं।

क्या क्षुद्र ग्रह और करीब से गुजर सकते हैं?
2023 बीयू चौथा क्षुद्र ग्रह है जिसे अब तक धरती के इतना करीब रिकॉर्ड किया गया है। इससे पहले तीन छोटे क्षुद्र ग्रह धरती के बेहद करीब से वर्ष 2020 और 2021 (2021यूए, 2020 क्यूजी और 2020वीटी) गुजरे थे जिनकी खोज की गई थी।

क्षुद्र ग्रह 2023 बीयू और असंख्य अन्य क्षुद्र ग्रह हमारे सौरमंडल के पांच अरब के अस्तित्व के दौरान धरती के करीब से गुजरे हैं और यह स्थिति भविष्य में भी रहने वाली है। हाल के सालों में बदलाव यह आया है कि हम इन आकार के क्षुद्र ग्रहों की पहचान कर सकते हैं और उनसे होने वाले खतरों का आकलन कर सकते हैं।

मोटे तौर पर पांच मीटर व्यास वाले क्षुद्र ग्रह की हजारों किलोमीटर की दूरी से शौकिया खगोल शास्त्री ने खोज की जो दिखाता है कि खगोलीय खोज में आवश्यक तकनीक आम जनता तक पहुंच गई है। यह बहुत ही उत्साहित करने वाली है। शौकिया तौर पर खोज करने वाले और पेशेवर मिलकर लगातार खोज और उन्हें श्रेणीबद्ध कर सकते हैं ताकि खतरों का विश्लेषण किया जा सके।

एक अन्य उत्साहित करने वाला घटनाक्रम पिछले साल सामने आया जब डबल एस्ट्रॉयड रिडाइरेक्शन (डीएआरटी) मिशन के जरिए सफलतापूर्वक क्षुद्र ग्रह से अंतरिक्ष यान की टक्कर करा उसकी दिशा बदली गई। डीएआरटी पृथ्वी से क्षुद्र ग्रह के टकराने का गंभीर खतरा होने पर उसकी दिशा बदलने के विचार को पुख्ता करता है। (File photo) 
Edited By : Chetan Gour (द कन्वरसेशन)

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