वॉशिंगटन। भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नासा (NASA) द्वारा वित्त पोषित एक नई प्रौद्योगिकी धरती पर सिर्फ 5 मिनट में इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) चार्ज कर सकती है। इससे इस प्रकार के वाहनों को बड़ी संख्या में उपयोग में लाए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी। अमेरिका के परड्यु विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने 2 चरणों वाले तरल प्रवाह के लिए फ्लो बॉयलिंग एंड कंडेनशन एक्सपेरीमेंट विकसित किया है। उष्मा स्थानांतरण के प्रयोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लंबी अवधि के सूक्ष्म गुरुत्व माहौल में किए जाएंगे।
यह नई प्रौद्योगिकी अन्य पद्धति की तुलना में उष्मा के स्थानांतरण को बहुत अधिक बढ़ाएगी और इसका उपयोग अंतरिक्ष में भविष्य के उपकरणों में तापमान नियंत्रित करने में किया जा सकेगा। शोधार्थियों ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी का धरती पर भी उपयोग किया जा सकता है। यह इलेक्ट्रिक कार के उपयोग को बढ़ाएगा।
वर्तमान में सड़क किनारे स्थित चार्जिंग स्टेशन पर इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में 20 मिनट का समय लगता है, जबकि घरों में यह अवधि कई घंटे की हो जाती है। चार्ज करने में लगने वाला लंबा समय और चार्जर का स्थान, इन दोनों को उन लोगों के लिए मुख्य चिंता का विषय बताया जाता है जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं।इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने में लगने वाले वक्त को घटाकर पांच मिनट करने के लिए 1400 एंपीयर विद्युत उपलब्ध कराने वाली चार्जिंग प्रणाली की जरूरत होगी।
वर्तमान में उन्नत चार्जर सिर्फ 520 एंपीयर विद्युत ही उपलब्ध करा पाते हैं और उपभोक्ताओं के पास उपलब्ध ज्यादा चार्जर 150 एंपीयर से कम विद्युत प्रवाह करते हैं।हाल में नासा के प्रयोगों से सीखी गई तकनीक का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने की प्रक्रिया में किया गया।
Edited by Chetan Gour (इनपुट भाषा)