बीजिंग। कम्युनिस्ट पार्टी के 20वें अधिवेशन के समापन के ठीक बाद शी जिनपिंग को एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिया गया। पार्टी संस्थापक माओ जेदोंग के बाद वह ऐसे पहले चीनी नेता हैं, जो इस पद पर तीसरे कार्यकाल के लिए चुने गए हैं। उन्होंने 4 दशक पुराना नियम बदल कर फिर चीन का राष्ट्रपति संभाला। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह जीवनपर्यंत चीन में सत्ता पर काबिज करेंगे।
वह पार्टी संस्थापक माओ जेदोंग के बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के ऐसे पहले नेता हैं, जो अभूतपूर्व रूप से तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आए हैं।
जिनपिंग को रविवार को आयोजित समिति के पहले पूर्ण सत्र में सीपीसी की 20वीं केंद्रीय समिति का महासचिव चुना गया। जिनपिंग की अध्यक्षता वाले सत्र में सीपीसी केंद्रीय समिति के 203 सदस्यों और 168 वैकल्पिक सदस्यों ने भाग लिया। जिनपिंग को सत्र में सीपीसी केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) का अध्यक्ष भी नामित किया गया।
माओ को छोड़कर जिनपिंग से पहले देश से सभी राष्ट्रपतियों ने लगभग तीन दशक तक 10 साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने के नियम का पालन किया। जिनपिंग की तीसरी बार सत्ता में वापसी से यह नियम औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। जिनपिंग को पहले 2012 में चुना गया था और उनका 10 साल का कार्यकाल इस साल पूरा हो जाएगा।
पार्टी में नंबर दो समझे जाने वाले प्रधानमंत्री ली क्विंग समेत कई उदारवादी नेता 300 सदस्यीय केंद्रीय समिति में शनिवार को जगह बनाने में नाकाम रहे। सीपीसी के पांच साल में एक बार होने वाले महासम्मेलन (कांग्रेस) में वे समिति में चुने नहीं गए। समिति की बैठक में 25 सदस्यीय राजनीतिक ब्यूरो का चयन किया गया।
राजनीतिक ब्यूरो ने 7 सदस्यीय स्थायी समिति का चयन किया, जिसने शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए महासचिव चुना। जिनपिंग को अपेक्षा के अनुसार शनिवार को केंद्रीय समिति में चुना गया। इसके बाद उन्हें राजनीतिक ब्यूरो और फिर स्थायी समिति में चुना गया और वह आसानी से महासचिव चुन लिए गए।
महासम्मेलन में पार्टी के संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन पारित कर उसकी मूल स्थिति को फिर से लागू कर निर्देश दिया गया कि उनके (जिनपिंग के) निर्देशों और सिद्धांतों का पालन करना पार्टी के सभी सदस्यों का दायित्व है।
पर्यवेक्षकों ने कहा कि राष्ट्रपति, पार्टी नेता एवं सैन्य प्रमुख के रूप में सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में जिनपिंग के उभरने और माओ के नक्शेकदम पर उनके इस पद पर आजीवन बने रहने की संभावना को चिंता एवं घबराहट के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि एक पार्टी वाला देश अब एक नेता वाला देश बन गया है।
सीपीसी का सप्ताह भर चला 20वां महासम्मेलन शनिवार को नाटकीय अंदाज में सपंन्न हुआ था और मीडिया के सामने ही पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ को ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल (संसद भवन) से बाहर ले जाया गया।
पार्टी के महासम्मेलन में संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दी गई, जिससे चीन के नेता के रूप में जिनपिंग का कद और बढ़ सकता है। जिनपिंग ने कहा कि संविधान में संशोधन पार्टी के समग्र नेतृत्व को बनाए रखने और मजबूत करने की स्पष्ट आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।
उन्होंने महासम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि संघर्ष करने की हिम्मत करो, जीतने की हिम्मत करो और कड़ी मेहनत करो। आगे बढ़ते रहने के लिए दृढ़ संकल्पित रहो। हमें तेज हवाओं, भीषण लहरों और खतरनाक तूफान का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में नाटकीय बदलाव के बीच, विशेष रूप से ब्लैकमेल करने, रोकने (और) बाधित किए जाने के बाहरी प्रयासों के बीच चीन ने, हमने अपने राष्ट्रीय हितों को पहले रखा है।
महासम्मेलन में पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) का नया दल भी नियुक्त किया गया, जो सीधे जिनपिंग के अधीन कार्य करता है। नए युग के लिए चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद पर जिनपिंग का विचार समकालीन चीन और 21वीं सदी का मार्क्सवाद है तथा इस युग की सर्वश्रेष्ठ चीनी संस्कृति एवं लोकाचार का प्रतीक है।
Edited by : Nrapendra Gupta (भाषा)