मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक अध्ययन में योग संबंधी गंभीर चोटों के शिकार व्यक्तियों की संख्या बढ़ने का दावा करते हुए लोगों को योग के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। ऑस्ट्रेलिया की सेंट्रल क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने वर्ष 2009 से 2016 के दौरान विक्टोरिया में इमरजेंसी विभागों में पेश किए गए योग संबंधी चोटों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
अनुसंधानकर्ताओं ने देखा कि इस अवधि में योग संबंधी गंभीर चोटों के मामलों में 80 फीसदी की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि इस अवधि में योग करने वालों की दर में मात्र 5.5 फीसदी की वृद्धि हुई जिससे इसे गंभीर चोटों से नहीं जोड़ा जा सकता।
सेंट्रल क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी के बेटल सेकेन्डाइज ने बताया मेरे विचार से लोग सही तकनीक जानते हैं लेकिन वे थोड़ी जल्दबाजी कर जाते हैं। ‘एबीसी न्यूज’ ने सेकेन्डाइज को यह कहते हुए उद्धृत किया है, योग के लिए लोगों को आकृष्ट करते के उद्देश्य से तस्वीरों पर बहुत ध्यान दिया जाता है, इसलिए लोग शायद पूरी तैयारी किए बिना ही योग की मुद्राएं करते लगते हैं।
अध्ययन में योग संबंधी चोटों के 66 दर्ज मामले पाए गए। इनमें से दस फीसदी मामलों में चोटें गंभीर थीं। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, ऐसी चोटों की शिकार ज्यादातर महिलाओं की उम्र 20 साल से 39 साल के बीच थी। सेकेन्डाइज ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें योग करना बंद कर देना चाहिए। हमें यह देखना चाहिए कि क्या गलत हो रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों को फिटनेस संबंधी कोई भी कसरत, खासकर योग करते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आसपास कोई फर्नीचर या उपकरण न हो। इस अध्ययन का अभी तक प्रकाशन नहीं हुआ है, लेकिन विभिन्न सम्मेलनों में इसे पेश किया गया है। (भाषा)