रोहित अगर इस मैच में नहीं जीते तो कप्तानी खतरे में, ये हैं कारण
मुंबई इंडियंस का मुकाबला चेन्नई सुपरकिंग्स से
पुणे। मुश्किल में घिरी मुंबई इंडियंस शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी, हालांकि इसके लिए उसे प्रतिद्वंद्वी टीम के लाइन अप और खिलाड़ियों की फार्म की चुनौती से पार पाना होगा। रोहित शर्मा अगर इस मैच में नहीं जीते तो कप्तानी खतरे में पड़ सकती है।
दोनों टीमों के बीच हुए टूर्नामेंट के पहले मैच में एक विकेट की करारी शिकस्त अब तक सभी के जेहन में है लेकिन मुंबई इंडियंस को महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के स्टेडियम में चेन्नई से बदला चुकता करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
इस महीने के शुरू में मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम में चेन्नई सुपरकिंग्स ने गत चैम्पियन को एक विकेट से मात दी थी और वो भी एक गेंद रहते।
मुंबई इंडियंस की टीम लगातार दो मैचों में हार के बाद विजयी लय में लौटने को बेताब होगी। दोनों टीमों के लिए सफर अभी तक विपरीत ही रहा है। मुंबई को अब तक छह मैचों में केवल एक ही जीत मिली है जबकि महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम ने छह में से पांच मैच अपने नाम किए हैं।
वहीं चेन्नई को अपने मूल घरेलू मैदान से हटना पड़ा, लेकिन इसका असर उन पर नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने पुणे में अपना पहला मैच जीत लिया था। मुंबई को अगर टूर्नामेंट में बने रहना है तो उन्हें इस मुकाबले में जीत दर्ज करनी ही होगी।
सूर्यकुमार यादव को छोड़कर मुंबई के बल्लेबाज को टूर्नामेंट में रन बनाने में परेशानी हो रही है। कप्तान रोहित शर्मा भी छह में से पांच में चलने में असफल रहे और कीरोन पोलार्ड का भी यही हाल रहा है।
लेकिन अगर रोहित, पोलार्ड, सूर्य, इविन लुईस और हार्दिक पंड्या एक साथ बल्लेबाजी में चल जायें तो मुंबई की टीम बड़ा स्कोर बना सकती है और बड़े लक्ष्य का भी पीछा कर सकती है। कोच महेला जयवर्धने सभी से अच्छा स्कोर बनाने की उम्मीद करेंगे।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ 94 रन की मैच विजेता पारी को छोड़ दें तो रोहित पांच मैचों में 20 रन से आगे बढ़ने में असफल रहे। लेकिन अब वह भी कुछ रन जुटाना चाहेंगे।
रोहित का बल्लेबाजी में क्रम भी अहम होगा और मुंबई इंडियंस उन्हें पारी का आगाज कराने को कह सकती है और सूर्य को चौथे नंबर पर उतार सकती है।
गेंदबाजी के लिहाज से भी मुंबई इंडियंस इकाई के रूप में प्रदर्शन करने में विफल रही है। जब एक गेंदबाज ने अच्छा प्रदर्शन किया तो उसे दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिला।
बीस वर्षीय लेग स्पिनर मयंक मार्कंडेय मुंबई की खोज रहे, उन्होंने अभी तक छह मैचों में 10 विकेट अपने नाम किये हैं। लेकिन अन्य गेंदबाज जैसे ‘डेथ ओवरों’ के विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह और बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके हैं।
अगर स्टार खिलाड़ियों से सुसज्जित चेन्नई सुपरकिंग्स के बल्लेबाजी क्रम को रोके रखना है तो इन दोनों को अपनी भूमिका बेहतर ढंग से निभानी होगी। (भाषा)