दुबई। आईपीएल-13 (IPL-13) में अपनी फिल्डिंग से सभी का दिल जीत चुके किंग्स इलेवन पंजाब (Kings X1 Punjab) के तूफानी बल्लेबाज निकोलस पूरन (Nicholas Pooran) की दृढ़ इच्छाशक्ति भरी कहानी सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। जानिए व्हील चेअर से सुपर फिल्डर बनने तक निकोलस पूरन की गजब कहानी...
रविवार को किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के मैच में जिसने भी निकोल्स की वह फील्डिंग देखी उसने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। इस युवा खिलाड़ी के सम्मान में दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में शुमार जोंटी रोड्स ने सम्मान में सिर झुकाया तो क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन भी बोले, ऐसी फिल्डिंग जिंदगी में नहीं देखी।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने 2018 में निकोलस पूरन पर दांव लगाया तो सभी हैरान थे। 2015 में एक सड़क दुर्घटना में उनका पैर चोटिल हो गया था और पैरों में प्लास्टर चढ़ाए कई महीने उन्होंने व्हील चेयर पर गुजारे।
उनके पैर की 2 बार सर्जरी की गई। इसके बाद निकोलस ने जैसे-तैसे खुद को अपने पैरों पर खड़ा किया। इसके बाद थेरेपी का भी सहारा लिया, वॉकिंग की। अनुभवी चिकित्सकों की की देखरेख में जल्द ही अच्छे परिणाम दिखने लगे।
क्रिकेट के प्रति जुनून की वजह से ही वह एक बार फिर मैदान में लौटे। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग से उन्होंने सभी को हैरान कर दिया।
निकोलस पूरन ने आईपीएल में 10 मैच खेलते हुए 154.41 के स्ट्राइक रेट से 210 रन बनाए। हालांकि यंग क्रिस गेल कहे जाने वाले पूरन टूर्नामेंट में बल्ले से अब तक कुछ खास नहीं कर सके, लेकिन इस फिल्डिंग ने उन्हें यूथ आइकन बना दिया।