नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को स्थगित कर दिया गया। इस बीच बायो-बबल (जैव सुरक्षित माहौल) को लेकर चर्चा जोरों पर है। इसे लेकर खिलाड़ियों ने खुलासा किया है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बायोबबल (जैव सुरक्षित माहौल) में कोरोनावायरस संक्रमण के आने से कुछ खिलाड़ियों में डर का माहौल था तो वहीं कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने हाल ही स्थगित हुई लीग के बबल को पिछले साल यूएई में आयोजित टूर्नामेंट की तुलना में कमजोर बताया।
विश्व की सबसे बड़ी टी20 लीग को 4 खिलाड़ियों और 2 कोचों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने बाद मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पीटीआई से लीग में भाग लेने वाले कुछ प्रतिभागियों से बात कर यह जानने की कोशिश की कि कोविड-19 संक्रमण के बारे में पता चलने के बाद बायो-बबल की क्या स्थिति थी।
एक खिलाड़ी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि यह यूएई जितना सुरक्षित नहीं था, जहां टूर्नामेंट के दौरान एक भी मामला सामने नहीं आया था। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कुछ पॉजिटिव मामले आए थे लेकिन बाद में एक भी ऐसा मामला नहीं आया।
उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और टीमों ने हालांकि अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन यह बायो बबल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इतना मजबूत नहीं था। यहां आप लोगों को आते-जाते देख सकते थे, भले ही वे अलग-अलग मंजिलों पर हों। मैंने कुछ लोगों को पूल का उपयोग करते हुए भी देखा। अभ्यास करने की सुविधाएं भी दूर थीं।
भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य रहे श्रीवत्स गोस्वामी शुरू से आईपीएल का हिस्सा रहे है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी या सहयोगी सदस्य ने कोविड-19 से जुड़ी मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन किया है।
सनराइजर्स हैदराबाद के इस खिलाड़ी ने कहा कि बबल के अंदर हमारी अच्छी देखभाल हो रही थी। किसी भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ ने इसका उल्लंघन नहीं किया। लेकिन मैं इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि वायरस के बबल में प्रवेश के बाद हर कोई असहज हो गया था, खासकर विदेशी खिलाड़ी।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि मैं अच्छी प्रतिरोधक क्षमता वाला खिलाड़ी हूं। भगवान न करे, अगर मैं वायरस के चपेट में आ गया तो भी ठीक हो जाऊंगा। लेकिन मुझमें वायरस का लक्षण नहीं दिखा और मेरे बुजुर्ग माता-पिता इस वायरस के चपेट में आए तो क्या होगा। जब बबल में वायरस संक्रमण के मामले आए तो अधिकांश खिलाड़ी डर गए क्योंकि आप नहीं चाहते कि इससे आपका परिवार प्रभावित हो।
भारत में गुरुवार को कोविड-19 संक्रमण के चार लाख से ज्यादा मामले आए जबकि लगभग 4000 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाओं की कमी से जूझने के बाद भी आईपीएल आयोजन की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही थी।
उन्होंने कहा कि जाहिर है कि आप इस बात से बेखबर नहीं थे कि बाहर क्या हो रहा है। जब आप ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल में बिस्तर की कमी के कारण लोगों को मरते हुए देखते हैं तो आपको बुरा लगता है। खासकर, विदेशी खिलाड़ी इसके बारे में ट्विटर पर पढ़कर डर गए थे। भारतीय खिलाड़ी के तौर पर हम उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी।
ऐसे समय में लीग के आयोजन पर सवाल को लेकर एक खिलाड़ी ने गोपनीयता के शर्त पर कहा कि इस मामले में खिलाड़ियों के बीच मतभेद था। इस खिलाड़ी ने कहा कि बाहर की स्थिति पर खिलाड़ियों और सहयोगी सदस्यों के विचार एक जैसे नहीं थे। कुछ चाहते थे कि आईपीएल जारी रहे तो कुछ चाहते थे इसे रोक दिया जाये। हां, बबल में वायरस के आने के बाद सब में बेचैनी थी।
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने दीप दासगुप्ता ने आईपीएल के बबल को कमजोर करार देने से इंकार किया लेकिन कहा कि दिल्ली में मामले बढ़ने के बाद वे चिंतित हो गए थे। इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि इस बार बनाया गया बायो-बबल पिछली बार यूएई की तुलना में कमजोर था। हमारा अच्छी तरह से ख्याल रखा गया और मै सुरक्षित महसूस कर रहा था।
उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में मामले बढ़ने लगे तब मैं डर गया था। लोगों को संघर्ष करते देखना काफी निराशाजनक था। मैं अपने माता-पिता के लिए चिंतित था जो नोएडा में रहते है। उनके बारे में सोच कर चिंतित हो रहा था।
एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि जब टूर्नामेंट शुरू हुआ था तब बबल काफी मजबूत था लेकिन इसके आगे बढ़ने के साथ इसमें कुछ कमियां आ गई थीं। नाम न छापने की शर्त पर इस खिलाड़ी ने कहा कि टूर्नामेंट के शुरुआत में यह बेहतर था। लेकिन किसी को पता नहीं कि बबल में कोरोना वायरस कैसे आया।
इंग्लिश काउंटी कराने का इच्छुक : इंग्लिश काउंटी की चार प्रमुख टीमों मिडिलसेक्स, सर्रे , वारविकशर और लंकाशर ने इंडियन प्रीमियर लीग के बाकी 31 मैचों की मेजबानी की इच्छा जताई है। 4 भारतीय क्रिकेटरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद लीग अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
भारत में इस साल के आखिर में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। बीसीसीआई सितंबर में भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा खत्म होने के बाद इसके आयोजन की संभावना तलाश रहा है। भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा 14 सितंबर को खत्म होगा।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार लाडर्स, ओवल, एडबस्टन और ओल्ड ट्रैफर्ड ने ईसीबी को पत्र लिखकर इच्छा जताई है। रिपोर्ट के अनुसार सितंबर के दूसरे हाफ में दो सप्ताह के भीतर टूर्नामेंट पूरा कराने का प्रस्ताव रखा गया है। (इनपुट भाषा)