लंदन:भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से अनुरोध किया है कि वह पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला को वर्तमान चार अगस्त से एक सप्ताह पहले शुरू कर दे ताकि उन्हें अब स्थगित इंडियन प्रीमियर लीग के बचे हुए 31 मैचों को पूरा करने के लिए समय मिल सके।
बीसीसीआई से हालांकि किसी ने भी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है जिसके बारे में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और प्रसिद्ध क्रिकेट लेखक माइकल एथरटन ने 'द टाइम्स' में बताया है।
रिपोर्ट के मुताबिक स्थगित इंडियन प्रीमियर लीग को पूरा करने के लिए बीसीसीआई ने ईसीबी से टेस्ट श्रृंखला के आखिरी मैच को एक सप्ताह पहले कराने की संभावना के बारे में पूछा है।
इसमें कहा गया है, संबंधित बोर्डों के बीच अनौपचारिक चर्चा हुई है क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण क्रिकेट क्रार्यक्रम काफी प्रभावित हुआ है।
भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के पूरा होने के बाद छह सप्ताह के संभावित अंतराल को देख रही है। न्यूजीलैंड के खिलाफ यह मुकाबला साउथेम्प्टन में 18-22 जून तक खेला जाएगा।
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला का पहला मैच नॉटिंघम (चार से आठ अगस्त) में खेला जाएगा। उसके बाद लॉर्ड्स (12-16 अगस्त), लीड्स (25-29 अगस्त), ओवल (दो से छह सितंबर) और मैनचेस्टर (10-14 सितंबर) में होगा।
2000 करोड़ रुपए के नुकसान को पाटने के प्रयास में बीसीसीआई
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया था कि इस सत्र को बीच में स्थगित करने से बोर्ड को 2,000 से 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। इस कारण बीसीसीआई आईपीएल 2021 के बचे हुए लगभग आधे मैचों को पूरा करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है।
बीसीसीआई को सबसे अधिक नुकसान स्टार स्पोर्ट्स से टूर्नामेंट के प्रसारण अधिकारी से मिलने वाली राशि का होगा। स्टार का 5 साल का अनुबंध 16 हजार 347 करोड़ रुपए का है, जो प्रतिवर्ष 3,269 करोड़ से कुछ अधिक होता है। अगर सत्र में 60 मैच होते हैं तो प्रत्येक मैच की राशि लगभग 54 करोड़ 50 लाख रुपए बनती है। स्टार अगर प्रति मैच के हिसाब से भुगतान करता है तो 29 मैचों की राशि लगभग 1,580 करोड़ रुपए होती है। ऐसे में बोर्ड को 1,690 करोड़ का नुकसान होगा।
इसी तरह मोबाइल निर्माता विवो टूर्नामेंट के टाइटल प्रायोजक के रूप में प्रति सत्र 440 करोड़ रुपए का भुगतान करता है और टूर्नामेंट के स्थगित होने के कारण बीसीसीआई को आधी से कम राशि मिलने की उम्मीद है।अनअकेडमी, ड्रीम-11, सीरेड, अपस्टॉक्स और टाटा मोटर्स जैसी सहायक प्रायोजक कंपनियां भी हैं जिसमें से प्रत्येक प्रति सत्र लगभग 120 करोड़ रुपए के आसपास भुगतान करती हैं।
यही कारण है कि अतिव्यस्त विंडो में भी बीसीसीआई ने आईपीएल के शेष बचे मैचों को पूरा करने की योजना बनाई है। यह योजना कितनी सफल होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा क्योंकि वापस सभी देशों के खिलाड़ी इंग्लैंड में जुड़ पाए यह टेढ़ी खीर लग रहा है।(भाषा)