पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम में नई नवेली टीम गुजरात टाइटंस और पिछले कुछ सीजन से प्ले ऑफ में जगह बनाने वाली टीम दिल्ली कैपिटल्स के बीच घमासान युद्ध जैसा मैच होने की उम्मीद है। यह मैच शाम को खेला जाएगा। दोनों ही टीमें पहली बार आमने सामने होंगी इस कारण दोनों ही टीमों का कोई हेड टू हेड रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
टॉस का बॉस
पुणे का मैदान एक ऐसा मैदान है जिसमें राजस्थान और हैदराबाद के मुकाबले में ओस नहीं गिरी थी। यह एक बड़ी बात है जो दोनों टीमों के कोच, कप्तान और खिलाड़ियों को मालूम होगी। कम से कम टॉस जीतकर मैच जीतने वाला समीकरण पुणे में तो नहीं लग रहा है।
दिल्ली कैपिटल्स की ताकत है उनके फिनिशर्स
कप्तान ऋषभ पंत के अलावा नीचे आक्रमण करने वाले खिलाड़ियों की कमी नहीं है, रोवमन पॉवेल जैसे तेज तरार बल्लेबाज फ़ीनिशर का रोल निभा सकते हैं। फिलहाल वॉर्नर की जगह सीधे तौर पर टिम साइफ़र्ट लेंगे, जबकि मार्श की जगह ललित यादव लेंगे। पिछले मैच में उन्होंने मैच मुंबई से छीन लिया था।
शार्दुल ठाकुर निचले बल्लेबाज़ी क्रम में हिटिंग कर सकते हैं, जिससे वह भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों में खेलने के लिए सबसे आगे हैं, जिससे चेतन सकारिया और ख़लील अहमद में तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के लिए प्रतिस्पर्धा होगी। अक्षर पटेल और कुलदीप यादव स्पिन आक्रमण की कमान संभालेंगे।
तेज गेंदबाजी आक्रमण है गुजरात की सबसे बड़ी ताकत
गुजरात ने अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी ध्यान दिया है और नीलामी में ख़र्च भी उन्होंने गेंदबाज़ों के लिए दिल खोलकर किए हैं। उन्होंने सिर्फ़ तीन खिलाड़ियों के लिए ही 25.25 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं - लॉकी फ़र्ग्यूसन (10 करोड़), तेवतिया (9 करोड़) और मोहम्मद शमी (6.25 करोड़)
फ़र्ग्यूसन अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से विपक्षी बल्लेबाज़ों पर क़हर बरपा सकते हैं, और जब उनके साथ शमी हों तो फिर समझ सकते हैं कि गुजरात का तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण कितना घातक हो सकता है। पिछले मैच में शमी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट भी लिए थे।
पांचवें और छठे गेंदबाज़ के विकल्प के तौर पर कप्तान हार्दिक भी सीम गेंदबाज़ी करते दिख सकते हैं।इस टीम में वेस्टइंडीज़ के सीम गेंदबाज़ ड्रेक्स और अल्ज़ारी जोसेफ़ भी मौजूद हैं, साथ ही वरुण ऐरन और बाएं हाथ के सीमर यश दयाल भी ज़रूरत पड़ने पर अंतिम-XI का हिस्सा हो सकते हैं।
दिल्ली है खिलाड़ियों की अनउपलब्धता से परेशान
काग़ज़ पर तो कैपिटल्स की अच्छी अंतिम एकादश दिखती है, लेकिन खिलाड़ियों की उपलब्धता उनका सिर का दर्द बढ़ा सकती है। डेविड वॉर्नर पहले दो मैचों में अनुपलब्ध रहेंगे, जबकि मिचेल मार्श पहले तीन मैचों में उपलब्ध नहीं रहेंगे।
कैपिटल्स के लिए सबसे बड़ी चिंता एनरिक नोर्त्जे की फ़िटनेस है। उनके इस सीज़न में खेलने की बहुत कम संभावना थी, लेकिन वह पिछले रविवार को कैपिटल्स के साथ जुड़ गए हैं। यह समझा जाता है कि नोर्त्जे पहले कुछ मैचों में बाहर रहेंगे, लेकिन फ़्रेंचाइज़ी के लिए समायोजन बैठाना भी एक अलग सिर दर्द होगा।
बल्लेबाजी में गहराई ना होना गुजरात के लिए बड़ी समस्या
काग़ज़ पर गुजरात टाइटन्स की बल्लेबाज़ी में गहराई नहीं दिख रही। इंग्लैड के बल्लेबाज़ जेसन रॉय ने ख़ुद को इंडियन प्रीमियर लीग 2022 से बाहर कर लिया है। लगातार बायो-बबल में रहते हुए वह थक गए थे और इसलिए उन्होंने अनिश्चितकाल के लिए क्रिकेट से दूरी बना ली है। जेसन के बाहर होने के बाद गुजरात की बल्लेबाज़ी को गहरा झटका लगा है। अब शुभमन गिल के साथ मैथ्यू वेड पारी का आग़ाज़ कर सकते हैं, हार्दिक पंड्या भी ख़ुद को शीर्ष मध्यक्रम में ला सकते हैं। हालांकि उन्होंने पिछले साल नवंबर में आयोजित टी20 विश्वकप के बाद से किसी तरह का क्रिकेट नहीं खेला है और अपनी फ़िटनेस को सुधार रहे हैं।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहें
दिल्ली कैपिटल्स ने शार्दुल ठाकुर को 10.75 करोड़ रुपए में खरीदा था।दीपक चाहर की तरह शार्दुल ठाकुर भी गेंद और बल्ले से उपयोगी साबित होते हैं। इस कारण ही उनको लेकर फ्रैंचाइजी खासा उत्साहित रही। पिछले सीजन में शार्दुल ठाकुर चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे। उन पर पहले मैच में थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी आ गई थी। गेंदबाजी में तो वह खासे फ्लॉप हुए थे और 11.75 की इकॉनोमी से 47 रन दिए। हालांकि बल्लेबाजी में कुछ हाथ दिखाए लेकिन अब कुछ ज्यादा करने की जरूरत है।
ऋषभ पंत पहले ही मैच में फ्लॉप हो गए थे। वह सिर्फ 1 रन ही बना पाए थे। कल गुजरात के धाकड़ गेंदबाजों के सामने पंत की अग्नि परीक्षा होगी। उनका अच्छा खेलना ना केवल कल जरूरी है बल्कि पूरे टूर्नामेंट में भी जरूरी है। दिल्ली कैपिटल्स चाहेगी कि उनके कप्तान कल फॉर्म में आ जाए।
कोलकाता से दिल्ली आए कमलेश नगरकोटी के लिए पिछला मैच खासा अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने 2 ओवरो में ही 14.5 की इकॉनोमी से 29 रन दे दिए थे। कल वह अंतिम ग्यारह का हिस्सा अगर होते हैं तो उन्हें आखिरी मौका मिलेगा। कल के प्रदर्शन पर यह तय होगा कि आगे उन्हें जगह मिलती है या नहीं।क्योंकि वह तो कप्तान है और वह खुद को तो ड्रॉप करेंगे नहीं।
कोलकाता से गुजरात का सफर तय करने वाले शुभमन गिल पर ना केवल निगाहें रहेंगी बल्कि अच्छा खासा दबाव भी रहेगा। पहले मैच में तो वह अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे तो यह दबाव भी दुगुना होगा। युवाओं में सबसे कम स्ट्राइक रेट से खेलने के आरोप शुभमन गिल पर ही लगते रहते हैं। वह इसे प्रेस कॉंफ्रेस में नकारते भी आए हैं लेकिन वह जानते हैं कि इस बात को उनसे फर्क पड़ता है।इस सत्र में उनको अपने आलोचकों को करारा जवाब देने की भरपूर कोशिश करनी होगी।
पहले मैच में विजय शंकर बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए थे। वह 4 रन बनाकर अपनी गिल्लयां खो बैठे थे। 2019 वनडे विश्वकप का भाग रहे विजय शंकर को गेंदबाजी नहीं मिली थी। शायद इस बार उन्हें कुछ ज्यादा मौका मिले इस कारण उन पर काफी लोगों की निगाहें रहेंगी।
पिछले मैच में जहां गुजरात का लगभग हर एक गेंदबाज लखनऊ के ऊपर कहर बरपा रहा था। वरुण एरॉन काफी महंगे साबित हो रहे थे। उन्होंने 2 विकेट लेकर 11.25 की इकॉनोमी से 45 रन दिए। शायद वरुण एरॉन को भी एक मौका और मिले लेकिन यह उनके लिए आखिरी मौका साबित हो सकता है।