मुंबई। दिल्ली कैपिटल्स को नोबॉल कांट्रोवर्सी खासी महंगी पड़ गई। इस मामले में टीम के कप्तान ऋषभ पंत और तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर पर आईपीएल आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए भारी जुर्माना लगाया गया, जबकि सहायक कोच प्रवीण आमरे को एक मैच के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।
इंडियन प्रीमियर लीग ने बयान में कहा कि पंत और आमरे पर उनकी पूरी मैच फीस का जुर्माना लगाया गया जबकि ठाकुर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
पंत ने आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.7 के तहत लेवल दो का अपराध स्वीकार किया और उन्हें जुर्माना मंजूर है। ठाकुर ने भी आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के लेवल दो का अपराध और जुर्माना स्वीकार किया। आमरे पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया। उन्होंने भी आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.2 के तहत लेवल दो का अपराध और जुर्माना स्वीकार किया।
क्या था मामला : यह घटना राजस्थान की शुक्रवार को दिल्ली पर 15 रन की जीत के दौरान तब घटी जब अंतिम ओवर में ओबेद मैकॉय की तीसरी गेंद पर रोवमैन पॉवेल ने छक्का जड़ा। यह फुलटॉस थी जिसे दिल्ली की टीम नोबॉल देने की मांग कर रही थी। नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े कुलदीप यादव ने अंपायर की तरफ इशारा करके आखिरी गेंद का रीप्ले देखने के लिए कहा क्योंकि वह कमर से ऊपर होने पर नोबॉल हो सकती थी। पॉवेल भी अंपायरों से बात करने लग गए लेकिन मैदानी अंपायरों ने कहा कि गेंद वैध थी।
मैदान पर चले गए आमरे : पंत ने इसके बाद पॉवेल और कुलदीप से वापस लौटने के लिए कहा। इस बीच दिल्ली के सहायक कोच प्रवीण आमरे मैदान पर चले गए। इस वजह से खेल कुछ देर के लिए बाधित हुआ।
क्या बोले शेन वॉटनस : दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वाटसन ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आईपीएल मैच के आखिरी ओवर में जो कुछ हुआ टीम उसका समर्थन नहीं करती तथा खिलाड़ियों को अंपायरों का फैसला मानना चाहिए था और किसी का मैदान में जाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि अंपायर का फैसला, चाहे वह सही हो या गलत, हमें स्वीकार करना होगा। किसी का मैदान पर चले जाना, यह स्वीकार्य नहीं है। यह कुल मिलाकर अच्छा नहीं हुआ।