कोलकाता: गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पंड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग के क्वालीफायर एक में मंगलवार को यहां राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाने के बाद अपने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की।
रॉयल्स के 189 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टाइटंस ने डेविड मिलर (नाबाद 68) और पंड्या (नाबाद 40) के बीच चौथे विकेट की 106 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत तीन गेंद शेष रहते तीन विकेट पर 191 रन बनाकर जीत दर्ज की।
मिलर ने 38 गेंद की अपनी तेजतर्रार पारी में पांच छक्के और तीन चौके मारे। उन्होंने लगातार तीन छक्के जड़कर अपनी टीम को जीत दिलाई। पंड्या ने 27 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके जड़े। टाइटंस की ओर से शुभमन मिल (35) और मैथ्यू वेड (35) ने भी उपयोगी पारियां खेली।रॉयल्स ने जोस बटलर (89) और कप्तान संजू सैमसन (47) की उम्दा पारियों से छह विकेट पर 188 रन बनाए थे।
गुजरात की इस जीत का सबसे ज्यादा श्रेय हार्दिक पांड्या की बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों को जाता है। हार्दिक पांड्या ने टॉस जीतकर गेंदबाजी और स्थितियों का आदर किया।
गीले मैदान में स्विंग ज्यादा मिलती है। हालांकि गुजरात के गेंदबाजों को उतना फायदा नहीं मिला जितना मिल जाना चाहिए था। हार्दिक पांड्या ने खुद 43 रनों पर जॉस बटलर का कैच छोड़ा। हालांकि वह फिसल गए थे नहीं तो बटलर को यह जीवनदान नहीं मिलता लेकिन आधिकारिक तौर पर इसे कैच छोड़ना कह भी नहीं सकते।
बल्लेबाजी करते वक्त भी जब मैथ्यू वेड के आउट होने के बाद वह क्रीज पर आए तो उन्होंने संयम से बल्लेबाजी की। स्पिनर्स पर बिना सोचे समझे आगे नहीं बढ़े और अश्विन के एक फुल टॉस पर चौका जड़कर अपनी पारी को अगले गियर में ले गए। हार्दिक ने 27 गेंदो में 5 चौके की मदद से 40 रन बनाए। छक्के जड़ने का काम मिलर पर छोड़ दिया।
पंड्या ने मैच के बाद कहा, मुझे गर्व है कि टीम में शामिल सभी 23 खिलाड़ी अलग हैं। वे सभी अलग तरह की चीजें मुकाबले में लेकर आते हैं। मैंने मिलर से सिर्फ इतना कहा कि अगर आपके आसपास अच्छे लोग हैं तो आपको अच्छी चीजें मिलती हैं।
उन्होंने कहा, मैं देख सकता हूं कि जो खिलाड़ी अंतिम एकादश में शामिल नहीं हैं वे भी चाहते हैं कि टीम अच्छा प्रदर्शन करे। राशिद ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार प्रदर्शन किया लेकिन मुझे मिलर पर अधिक गर्व है। मैंने उसे कहा कि खेल का सम्मान करना चाहिए। मुंबई इंडियन्स के खिलाफ हमने गलती कर दी थी और यहां चाहते थे कि खेल का सम्मान करें। हम दोनों ही मैच को खत्म करना चाहते थे।
वहीं संजू सैमसन की कप्तानी बहुत खराब तो नहीं लेकिन औसत दिखी। हिटमायर को वह ऊपरी क्रम में नहीं खिला रहे जबकि यह बात पता थी कि गुजरात के लिए कम से कम 200 रनों का लक्ष्य चाहिए।
वहीं गेंदबाजों को भी फील्ड के मुताबिक गेंदबाजी करने के लिए प्रेरित नहीं कर पाए। संजू सैमसन जिस तरह से अंत में स्पिनरों को मौका दे रहे थे उससे यह लग रहा था कि वह विकेट निकालने की बजाए रन रोककर मैच जीतना चाहते हैं।रॉयल्स के कप्तान सैमसन ने कहा कि वह स्कोर से खुश थे लेकिन मैच में टॉस की भूमिका अहम रही।
उन्होंने कहा, स्कोर से खुश था। विकेट पर बल्लेबाजी उतनी आसान नहीं थी। गेंदबाजों को मदद मिल रही थी, पावरप्ले में स्विंग मिल रही थी। कुछ गेंद रुककर आ रही थी और उछाल भी समान नहीं था। भाग्यशाली था कि पावरप्ले में कुछ रन बना पाया। इस तरह के हालात में यह स्कोर शानदार था।
सैमसन ने कहा, दूसरी पारी में विकेट बल्लेबाजी के लिए बेहतर हो गई। हम अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। भाग्य और टॉस की भूमिका अहम रही। लेकिन उन्हीं चीजों पर ध्यान दे रहे हैं जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं।