रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए यह साल उतार चढ़ाव भरा रहा। राजस्थान से हुए दूसरे क्वालिफायर में वह जरूर हार गई लेकिन तीसरे नंबर की टीम के तौर पर वह खत्म हुई। बैंगलोर इस बार एक नए कप्तान के साथ मैदान पर उतरी थी।
किस्मत ने पहुंचाया प्लेऑफ में
मुंबई इंडियन्स की दिल्ली पर 5 विकेट से जिस टीम का सबसे ज्यादा फायदा हुआ वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम रही। दिल्ली को हराकर मुंबई ने उसे 14 अंको पर ही रोके रखा और बैंगलोर 16 अंको के साथ प्लेऑफ में पहुंच गई।पिछले शनिवार को लगभग पूरे ही दिन विराट कोहली, फाफ डू प्लेसिस और ग्लेन मैक्सवेल मुंबई को चियर करते रहे। इसके अलावा टीम ने अपनी डीपी नीले रंग में बदल दी। यह सब प्रयास व्यर्थ नहीं गए।
फैफ डु प्लेसिस बने बैंगलोर के कप्तान
विराट कोहली पिछले सत्र ही बैंगलोर की कप्तानी को अलविदा कह चुके थे। इस बार कप्तानी का ताज सजा फैफ डु प्लेसिस के सिर पर जो काफी साल तक चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेले थे।
डु प्लेसिस ने कुछ समय दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी भी की है, यही कारण है कि रीटेन किए गए मैक्सवेल और नीलामी में खरीदे गए दिनेश कार्तिक के ऊपर उनको तरजीह दी गई थी।
कई समय तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल चुके दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस भले ही उम्रदराज हो गए हों लेकिन फ्रैंचाइजियों ने उन पर बोली लगाई थी। 2 करोड़ के आधार मूल्य वाले फैफ डु प्लेसिस को 7 करोड़ में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में खरीदा था।
भले ही बैंगलोर को प्लेऑफ में पहुंचने के लिए किस्मत का सहारा लगा हो लेकिन इस सत्र डुप्लेसिस की कप्तानी को नकारा नहीं जा सकता। वह विराट कोहली से बेहतर कप्तान साबित हुए हैं।उनकी शांतचित्त कप्तानी का ही नतीजा है कि टीम ने लखनऊ जैसी टीम को एलिमिनेटर में हरा दिया। इसके बाद राजस्थान के खिलाफ जरूर टीम को क्वालिफायर में 7 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा लेकिन टीम अपने प्रदर्शन से संतुष्ट होगी।
फैंस ने हार के बाद ट्रोल किया ई साला कप नामदे
बैंगलोर की टीम फाइनल में हारे चाहे लीग मैच में हारकर प्लेऑफ से बाहर हो जाए। वह हमेशा ट्रोल होती है क्योंकि 15 साल तक टीम ने एक बार भी आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम नहीं की। कुछ ऐसे ट्वीट्स करके बैंगलोर की टीम और उनके फैंस को ट्रोल किया गया।
कम स्कोर को हार का कारण बताया कोच और कप्तान ने
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के कप्तान फॉफ डुप्लेसी ने कहा, हमारा स्कोर थोड़ा कम रह गया। नयी गेंद से खेलना चुनौती भरा था। हमें लगा कि 180 रन का स्कोर अच्छा होगा। लेकिन इतना स्कोर नहीं बना सके। युवा खिलाड़ियों ने प्रभावित किया।
आरसीबी के क्रिकेट निदेशक माइक हेसन ने कहा कि आखिरी पांच ओवरों में तेजी से रन नहीं बना पाने का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।उन्होंने कहा , पांच ओवर बाकी रहते हमारा स्कोर तीन विकेट पर 123 रन था। हम 175-180 रन बना सकते थे जब मैक्सवेल और पाटीदार खेल रहे थे। हमने दोनों विकेट गंवा दिये और आखिरी ओवरों में 20 रन पीछे रह गए।