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क्या कोलकाता का मिस्ट्री स्पिनर बन चुका है हिस्ट्री स्पिनर?

हमें फॉलो करें क्या कोलकाता का मिस्ट्री स्पिनर बन चुका है हिस्ट्री स्पिनर?
, गुरुवार, 5 मई 2022 (17:25 IST)
आईपीएल 2020 से पहले वरुण चक्रवर्ती लगभग एक अनजाना नाम थे। लेकिन कोरोना काल के पहले आईपीएल ने उनको एक नाम दिया- मिस्ट्री स्पिनर। उनका प्रदर्शन था ही है। इसके बाद साल 2021 का आईपीेएल हुआ और वह भारतीय टीम में अपना स्थान बनाने में सफल रहे।

हालांकि अब उनके लिए एक बार फिर बुरा वक्त आ गया है। भारतीय टीम में तो छोड़िए अब वरुण चक्रवर्ती को उनकी फ्रैंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स तक चुन नहीं रही।

अब तक रहा है खराब प्रदर्शन

कभी ढेरों विकेट लेने वाले वरुण चक्रवर्ती इस बार पहले 8 मैचों में सिर्फ 4 विकेट ले पाए। इसके अलावा वह काफी महंगे भी साबित हुए। उन्होंने 168 गेंदो में 247 रन लुटाए 8.82 की इकॉनमी के साथ। पिछले तीन मैचों में उन्होंने चार ओवरों का स्पेल पूरी नहीं किया हैं और विकेट भी उनके हाथ नहीं लगी है। इस दौरान उन्होंने 12 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं।यह आईपीएल 2021 की सफलता के बाद उनके फ़ॉर्म में भारी गिरावट है। 17 मैचों में 18 विकेट लेकर वरुण ने कोलकाता को फ़ाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

पिछले मंगलवार को कोलकाता नाइट राइडर्स ने वरुण को एकादश से बाहर रखा था। उनकी जगह युवा तेज़ गेंदबाज़ हर्षित राणा को मौक़ा दिया गया क्योंकि कोलकाता लगातार चार हार के बाद अंक तालिका में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही थी। हालांकि इसके बाद भी कोलकाता को हार का सामना करना पड़ा। 5 मैच हारने के बाद कोलकाता को रिंकू सिंह और नीतिश राणा की बल्लेबाजी के कारण राजस्थान के खिलाफ जीत मिली।

ड्रॉप होने के बाद वरुण वापसी करने के लिए और प्रेरित होंगे : वेटोरी

न्यूज़ीलैंड और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पूर्व कप्तान डेनियल वेटोरी का मानना है कि वरुण चक्रवर्ती को 'प्लान बी की सख़्त ज़रूरत है।' ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के विशेष शो टी20 टाइम-आउट पर वेटोरी ने कहा कि शीर्ष गुणवत्ता वाले बल्लेबाज़ों के विरुद्ध, जो उनकी गेंदबाज़ी को समझने लगे हैं, नहीं चल पाना इस सीज़न में वरुण की ख़राब फ़ॉर्म का कारण बन चुका है।

वेटोरी ने कहा, "उनके आंकड़े अच्छे नहीं हैं। उनकी गेंदबाज़ी पिछले सीज़न की तरह घातक भी नहीं नज़र आ रही है। वह गेंद को ज़्यादा स्पिन नहीं करवाते जिससे बल्लेबाज़ उनपर आसानी से आक्रमण कर सकते हैं। शायद इन सब कारणों की वजह से कोलकाता ने (उन्हें ड्रॉप करने का) यह निर्णय लिया है।"उन्होंने कहा, "शायद वह उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करना चाहते थे। वह पिछले साल की तुलना में एक अलग ही गेंदबाज़ नज़र आ रहे हैं।"
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वेटोरी ने कहा, "इस सीज़न में केवल छह अंक अर्जित करने के बाद उन्हें वानखेड़े स्टेडियम पर अपनी सबसे अच्छी एकादश को मैदान पर उतारना था। यह दो अंक महत्वपूर्ण थे क्योंकि यहां से स्थिति और कठिन होती चली जाएगी। इसलिए मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ कि उन्होंने इन परिस्थितियों में यह निर्णय लिया।"


वेटोरी को लगता है कि ड्रॉप करना वरुण की फ़ॉर्म को पुनर्जीवित करने का एक तरीक़ा हो सकता है। आईपीएल में बेंगलुरु और बीबीएल में ब्रिस्बेन हीट के कोच होने के नाते उन्हें भी ऐसे कठिन निर्णय लेने पड़े हैं।वेटोरी ने कहा, "जब आप ख़राब फ़ॉर्म से गुज़रते हैं तो आपको ड्रॉप होने का इंतज़ार रहता है। जब आप लगातार खेलते रहते हैं, आपको पता लगाने का मौक़ा नहीं मिलता कि आख़िर क्या ग़लत हो रहा है। इसलिए यदि आप किसी खिलाड़ी को बातचीत करने के बाद ड्रॉप करते हैं तो वह खुद को रिसेट कर सकते हैं।”

बिशप की मानें तो पिच इस बार है अलग

वेस्टइंडीज़ के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ इयन बिशप ने टी20 टाइम-आउट पर कहा, "सच कहूं तो मुझे आश्चर्य बिल्कुल भी नहीं हुआ। वह पिछले तीन मैचों में प्रति ओवर 12 रन दे रहे थे। आठ मैचों में चार विकेट ने कोलकाता को ऐसी स्थिति में डाल दिया जहां गलतियों की बहुत कम गुंजाइश बची थी।"बिशप को लगता है कि इस सीज़न में पिच उम्मीदानुसार धीमी नहीं हुई है। वरुण गेंद को कम घूमाते हैं लेकिन वह विविधता और पिच से मिल रही मदद पर निर्भर करते हैं।
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उन्होंने कहा, "मैं इतनी आसानी से किसी खिलाड़ी पर विश्वास करना नहीं छोड़ता। मुझे लगता है कि अपने करियर के किसी भी पड़ाव पर आप सीख सकते हैं। (युज़वेंद्र) चहल और कुलदीप (यादव) को अच्छा प्रदर्शन करते देखने के बावजूद मुझे लगता है कि कुछ पिचों ने (वरुण) चक्रवर्ती की मदद नहीं की है। शायद वह आने वाले मैचों में वापसी करेंगे। शायद वह उन्हें आराम दे रहे हैं ताकि वह अपना समय लेकर पुराने रंग में वापस लौट सकें, फिर चाहे वह इस सीज़न में हो या अगले सीज़न में।"

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