GTvsSRH Gujarat Titans गुजरात टाइटन्स ने सलामी बल्लेबाज Shubhman Gill शुभमन गिल (101) के शानदार शतक और Sai Sudarshan साई सुदर्शन के साथ उनकी 147 रन की साझेदारी की बदौलत IPL इंडियन प्रीमियर लीग में सोमवार को Sunrisers Hyderabad सनराइजर्स हैदराबाद के सामने 189 रन का लक्ष्य रखा।
गिल ने 58 गेंद पर 13 चौकों और एक छक्के की मदद से 101 रन बनाये, जबकि सुदर्शन ने 36 गेंद पर छह चौके और एक छक्का लगाकर 47 रन की पारी खेली। जहां शुभमन गिल ने 101 रन बनाए वहीं दूसरे बल्लेबाज सिर्फ 73 रन ही बना सके क्योंकि 13 रन अतिरिक्त रहे। गिल और सुदर्शन की साझेदारी की मदद से गुजरात विशाल स्कोर की ओर बढ़ रही थी, लेकिन सनराइजर्स ने अंतिम छह ओवरों में आठ विकेट चटकाते हुए उसे 188/9 के स्कोर पर रोक दिया।
गुजरात ने टॉस हारकर बल्लेबाजी करते हुए ऋद्धिमान साहा का विकेट पहले ही ओवर में गंवा दिया। इसके बाद हालांकि गिल सनराइजर्स पर हावी हो गये। उन्होंने तीसरे ओवर में भुवनेश्वर को दो चौके लगाये, जबकि चौथे ओवर में फज़लहक़ फ़ारूक़ी की गेंदों को चार बार सीमा रेखा के पार पहुंचाया। गुजरात को पावरप्ले में 65 रन तक पहुंचाने के बाद गिल ने 22 गेंद में अर्द्धशतक पूरा किया। दूसरे छोर पर खड़े सुदर्शन ने 10वें ओवर में चौका लगाकर शतकीय साझेदारी पूरी की।
गुजरात 12 ओवर में 131 रन बनाकर बड़े स्कोर पर आंखें जमा चुकी थी, लेकिन सनराइजर्स के गेंदबाजों ने अंतिम आठ ओवरों में मैच का रुख पलट दिया। सुदर्शन को 13वें ओवर में दो जीवनदान मिले, जिसके बाद 15वें ओवर में मार्को जानसेन ने उन्हें पवेलियन लौटाया। कसी हुई गेंदबाजी के कारण गिल की रफ्तार भी धीमी पड़ गयी।
भुवनेश्वर ने इसके बाद हार्दिक पांड्या (आठ) का विकेट चटकाया, जबकि टी नटराज ने डेविड मिलर (सात) को पवेलियन का रास्ता दिखाया। फारूकी ने 18वें ओवर में राहुल तेवतिया का विकेट निकाला, हालांकि गिल ने अगले ओवर में शतक पूरा करके गुजरात को थोड़ी राहत पहुंचाई।
गुजरात 19 ओवर में फिर भी पांच विकेट के नुकसान पर 186 रन तक पहुंच गयी, लेकिन आखिरी ओवर में भुवनेश्वर की कातिलाना गेंदबाजी ने 200 रन तक पहुंचने की उसकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भुवनेश्वर ने आखिरी ओवर में तीन विकेट चटकाते हुए सिर्फ दो रन दिये, जबकि नूर अहमद के रूप में एक खिलाड़ी रनआउट भी हुआ।भुवनेश्वर ने चार ओवर में 30 रन देकर पांच विकेट चटकाते हुए अपना स्पेल समाप्त किया। जानसेन, नटराजन और फारूकी को भी एक-एक सफलता प्राप्त हुई।